पोखरण में तीनों सेनाओं का हुआ भारत शक्ति युद्धाभ्यास
पोखरण की वीर भूमि में मंगलवार को युद्ध क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता का दमदार झलक देखने को मिली, हालांकि युद्ध कौशल का प्रदर्शन कर रहा एक तेजस दुर्घटाग्रस्त हो गया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा क्षेत्र में भारत की अत्मनिर्भरता को भारत की शक्ति बताते हुए कहा कि स्वदेशी आत्मनिर्भर सैनिक के आत्मविास की गारंटी है।
उन्होंने कहा अगले 10 सालों में भारत सबसे बड़ा रक्षा उपकरण निर्यातक बन जायेगा।
देश में सेना की सबसे बड़ी रेंज पोखरण वही रेंज है जहां 11 मई 1998 को वाजपेयी सरकार ने परमाणु परीक्षण कर दुनिया को चौका दिया था। मंगलवार को इसी वीर भूमि में प्रधानमंत्री के सामने आज भारत की तीनों सेनाओं ने विश्व का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास किया।
रक्षामंत्री, राजस्थान के मुख्यमंत्री, सीडीएस, तीनों सेना प्रमुख इस विराट युद्धाभ्यास के साक्षी बने। युद्धाभ्यास में वायु सेना की तरफ से दो तेजस विमानों ने आकाश से बम गिरकर दुश्मन के टारगेट नष्ट किये तो वही चेतक हेलीकॉप्टर ने नोज गन से गोलियां बरसाई।
थल सेना वायुसेना और नौसेना के कमाडों ने भी जाबांज प्रदशर्न किया। नौसेना के एंटी ड्रोन सिस्टम ने दुश्मन के ड्रोनों को नष्ट किया।
युद्ध अभ्यास के दौरान जब असली टॉप गोले छोड़े गए तो गोलों की आवाज इतनी भयानक थी की पोखरण की धरती कांप उठी।
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