Women Reservation Bill: लोकसभा के बाद महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में भी पेश, चर्चा शुरू
महिला आरक्षण बिल पर राज्यसभा में चर्चा शुरू हो गई है। लोकसभा में यह बिल एक दिन पहले यानि बुधवार को ही पास हो चुका है। उम्मीद है कि आज राज्यसभा में भी नारी शक्ति वंदन अधिनियम पास हो जाएगा।
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एक दिन पहले ही संसद और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला यह बिल लोकसभा में पास हुआ था। विधेयक पक्ष में 454 वोट पड़े थे, जबकि इसके विरोध में असदुद्दीन ओवैसी 2 सांसदों ने वोट किया था।
महिला आरक्षण बिल यानी की नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लोकसभा से पास होने के बाद आज राज्यसभा में चर्चा शुरू हो चुकी है। चर्चा के बाद आज ही यह बिल राज्यसभा में पास हो सकता है।
राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए बीजेपी के जेपी नड्डा ने जीजाबाई से लेकर रानी लक्ष्मीबाई तक का जिक्र किया। महिलाओं के भारत की विकास यात्रा में योगदान को रेखांकित करते हुए नड्डा ने कहा कि 21वीं सदी महिलाओं की सदी है।
कल लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास हुआ और मुझे आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है कि आज यहां पर भी ये बिल किसी भी बाधा के बगैर सर्वसम्मति से पास हो जाएगा। मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि जो आरक्षण का विषय काफी लंबे समय से चल रहा था उन्होंने उसको निर्णायक मोड़ पर लाने… pic.twitter.com/UanjdHmHHs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 21, 2023
देश की राजनीति पर व्यापक असर डालने की क्षमता वाले इस विधेयक को बुधवार को लोकसभा से मंजूरी मिल गई थी। संसद से पारित होने और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इस विधेयक का नाम ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ हो जाएगा।
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023’ पेश किया। नये संसद भवन में पेश होने वाला यह पहला विधेयक है।
मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह विधेयक महिला सशक्तीकरण से संबंधित विधेयक है और इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की मौजूदा संख्या (82) से बढ़कर 181 हो जाएगी। इसके पारित होने के बाद विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लागू करने के लिए जनगणना और परिसीमन की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि जैसे ही यह विधेयक पारित होगा तो फिर परिसीमन का काम निर्वाचन आयोग तय करेगा।
मेघवाल के विधेयक पेश करने के बाद चर्चा आरंभ हुई। कांग्रेस की ओर से रंजीता रंजन ने पहली वक्ता के रूप में संबोधन आरंभ किया।
लोकसभा ने यह विधेयक करीब आठ घंटे की चर्चा के बाद 2 के मुकाबले 454 वोट से अपनी स्वीकृति दी।
निचले सदन में कांग्रेस, सपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का समर्थन किया। हालांकि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने विधेयक का विरोध किया। लोकसभा में ओवैसी समेत एआईएमआईएम के दो सदस्य हैं।
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