Sun Mission : भारत का Aditya-L1 सूर्य का निरीक्षण करने के लिए मार्ग पर रवाना

Last Updated 19 Sep 2023 08:52:11 AM IST

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने मंगलवार तड़के आदित्य-एल1 (Aditya-L1) सौर वेधशाला को ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाॅइंट 1 (Trans-Lagrangian Point 1) पर सफलतापूर्वक स्थापित करके सूर्य की ओर रवाना किया।


आदित्य-एल1 सूर्य की ओर रवाना

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार, देश की अंतरिक्ष-आधारित सौर वेधशाला आदित्य-एल1 को मंगलवार सुबह 2 बजे ट्रांस-लैग्रैन्जियन प्वाॅइंट 1 पर स्थापित किया गया।

इसरो ने कहा, "अंतरिक्ष यान अब एक प्रक्षेप पथ पर है, जो इसे सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु पर ले जाएगा। इसे लगभग 110 दिनों के बाद एक प्रक्रिया के माध्यम से एल1 के आसपास की कक्षा में स्थापित किया जाएगा।"

यह लगातार पांचवीं बार है, जब इसरो ने किसी वस्तु को अंतरिक्ष में किसी अन्य खगोलीय पिंड या स्थान की ओर सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया है।

इसरो ने अपने अंतरिक्ष यान को तीन बार चंद्रमा की ओर और एक बार मंगल की ओर स्थानांतरित किया है और मंगलवार का सूर्य की ओर स्थानांतरण पांचवीं बार है।

आदित्य-एल1 को 2 सितंबर को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान-एक्सएल (पीएसएलवी-एक्सएल) संस्करण नामक एक भारतीय रॉकेट द्वारा निम्न पृथ्वी कक्षा (एलईओ) में कक्षा में स्थापित किया गया था।

तब से इसरो द्वारा अंतरिक्ष यान की कक्षा को चार बार बढ़ाया गया है।

जैसे ही अंतरिक्ष यान लैग्रेंज पॉइंट (एल1) की ओर यात्रा करेगा, यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र (SOI) से बाहर निकल जाएगा।

एसओआई से बाहर निकलने के बाद, क्रूज़ चरण शुरू हो जाएगा और बाद में, अंतरिक्ष यान को एल 1 के चारों ओर एक बड़ी प्रभामंडल कक्षा में इंजेक्ट किया जाएगा - वह बिंदु जहां दो बड़े पिंडों - सूर्य और पृथ्वी - का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव बराबर होगा और इसलिए अंतरिक्ष यान किसी भी ग्रह की ओर गुरुत्वाकर्षण नहीं करेगा।

लॉन्च से एल1 तक की कुल यात्रा में आदित्य-एल1 को लगभग चार महीने लगेंगे और तय की गई दूरी पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी होगी।

आईएएनएस
चेन्नई


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