रक्षा खरीद के लिए 45,000 करोड़ की मंजूरी

Last Updated 16 Sep 2023 11:46:03 AM IST

सेनाओं के लिए अस्त्र-शस्त्र खरीदने के प्रस्तावों पर निर्णय करने वाली रक्षा खरीद परिषद (DAC) ने रक्षा आपूर्ति क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाले एक निर्णय के अंतर्गत वायु सेना के लिए 12 सुखोई-30 एमकेआई विमान और ध्रुवास प्रक्षेपास्त्र सहित सेना के तीनों अंगों के लिए कुल लगभग 45000 करोड़ रुपये की हथियार प्रणालियों की खरीद के प्रस्तावों को शुक्रवार को मंजूरी दी।


रक्षा खरीद के लिए 45,000 करोड़ की मंजूरी

रक्षा मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डीएसी की बैठक में सेनाओं के लिए ‘‘45,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत पूंजीगत अधिग्रहण की ‘आवश्यकता की स्वीकृति’ (एओएन) के नौ प्रस्तावों में  को मंजूरी दी। ’’ मंत्रालय ने कहा है, ‘‘यह सभी खरीद भारतीय आपूर्तिकर्ताओं से की जाएगी।’ ये सामान भारत में ही डिजाइन किए गए, देश में ही विकसित और विनिर्मित किए गए रक्षा साजो-सामान की खरीद की नीति के तहत की जाएगी।

इससे रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। डीएसी ने थल सेना के लिए हल्के बख्तरबंद बहुउद्देश्यीय वाहनों (एलएएमवी) और एकीकृत निगरानी तथा लक्ष्य सिस्टम  (आईसैट-एस), आर्टिलरी गन और रडार को तीव्रता से मोर्चे पर स्थापित करने के काम में आने वाले हाई मोबिलिटी व्हीकल (एचएमवी) तथा तोपों को खींच कर ले जाने वाले गन टोइंग वाहनों की खरीद के लिए एओएन को मंजूरी दे दी है।  

डीएसी की बैठक में नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के सव्रेक्षण जहाजों की खरीद को भी मंजूरी दी गयी है जिससे नौसेना की हाइड्रोग्राफिक कार्यों की क्षमताओं में वृद्धि होगी। डीएसी ने वायु सेना के लिए पूंजीगत खरीद के लिए मंजूर एओएन के अंतर्गत डोर्नियर विमानों की वैमानिक पण्राली में सुधार, स्वदेशी उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएचएच एमके-4) के लिए आकाश से जमीन पर प्रहार करने वाली कम दूरी की निर्देशित ध्रुवस मिसाइल, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से  12 सुखोई -30 एमकेआई अैर उनके लिए जरूरी उपकरों की खरीद के लिए एओएन की भी मंजूरी दी है।

विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में सिंह ने कहा कि अब स्वदेशीकरण की दिशा में महत्वाकांक्षाओं को उन्नत करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा,‘‘ आईडीडीएम परियोजनाओं के लिए 50 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री की सीमा के बजाय, हमें न्यूनतम 60-65 प्रतिश स्वदेशी सामग्री का लक्ष्य रखना चाहिए।’’

इनकी होगी खरीद

थल सेना
- हल्के बख्तरबंद बहुउद्देश्यीय वाहन
- आईसैट-एस
- हाई मोबिलिटी व्हीकल
- गन टोइंग वाहन

नौसेना
- अगली पीढ़ी के सव्रेक्षण जहाज

वायुसेना
- डोर्नियर विमानों की वैमानिक पण्राली में सुधार
-  स्वदेशी उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर के लिए ध्रुवास्त्र मिसाइल
- 12 सुखोई -30 एमकेआई

समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली


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