Parliament: सांसदी बहाल होने के बाद लोकसभा पहुंचे राहुल गांधी, कांग्रेस सांसदों ने किया स्वागत
लोकसभा सदस्यता बहाल हो जाने के बाद राहुल गांधी सोमवार को 12 बजे लोकसभा की कार्यवाही में शामिल हुए। कार्यवाही शुरू होने से कुछ मिनट पहले जैसे ही राहुल गांधी सदन के अंदर पहुंचे, कांग्रेस सांसदों ने राहुल गांधी जिंदाबाद का नारा लगाकर उनका स्वागत किया।
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सदन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस सांसद लगातार राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगाते रहे।
इस दौरान कांग्रेस सांसदों समेत विपक्षी दलों के कई नेता भी राहुल गांधी की सीट पर जाकर उन से हाथ मिला कर उनको फिर से लोक सभा में आने की बधाई देते नजर आए।
दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई कांग्रेस सांसदों के नारे के बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सदन में खड़े होकर कांग्रेस को चीन की तरफ से मिलने वाले फंड का सवाल उठाते हुए यह आरोप लगाया कि 2005 से 2014 के दौरान जब भी भारत पर कोई संकट आया, कांग्रेस को उस समय पैसा दिया गया।
निशिकांत दुबे ने सदन के पटल पर कांग्रेस की फंडिंग और चीन के साथ उसके संबंधों का मसला उठाते हुए सरकार से इस मामले की जांच की मांग की।
निशिकांत दुबे के आरोप लगाते ही कांग्रेस के सांसदों ने खड़े होकर विरोध करना शुरू कर दिया। दोनों तरफ से हंगामा और नारेबाजी शुरू हो गई जिसे देखते हुए पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर बाद 2 बजे तक स्थगित कर दी
मणिपुर, राजस्थान के मुद्दे पर रास में हंगामा, कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित
राजस्थान और मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के करीब पंद्रह मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।उच्च सदन में हंगामे की वजह से आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया।
बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने जर्मनी में संपन्न विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप प्रतियोगिता में पदक हासिल करने वाले भारतीय खिलाड़ियों को उनके उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए पूरे सदन की ओर से बधाई दी।
इसके बाद उच्च सदन में कांग्रेस की सदस्य रजनी पाटिल का निलंबन रद्द करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया गया और उसे ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। रजनी को सदन की कार्यवाही का वीडियो बनाने और उसे सोशल मीडिया पर डालने की वजह से उच्च सदन से दस फरवरी को निलंबित किया गया था।
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के घनश्याम तिवाड़ी ने राजस्थान का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उन्होंने चर्चा के लिए तीन नोटिस दिए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में बलात्कार की घटनाएं अक्सर हो रही हैं और हाल में एक लड़की इसकी शिकार हुई है।
उन्होंने साथ ही कहा कि राजस्थान में भ्रष्टाचार चरम पर है और यह एक गंभीर मुद्दा है। तिवाड़ी ने साथ ही ‘लाल डायरी’ के मुद्दे पर भी चर्चा कराए जाने की मांग की।
गौरतलब है कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा ने उनके पास मौजूद लाल डायरी में राज्य सरकार के तथाकथित राज छिपे होने का दावा किया है।
सदन में तिवाड़ी ने जब यह मुद्दा उठाया तो सत्तापक्ष के सदस्यों ने राजस्थान के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। इसी दौरान कांग्रेस के सदस्य के सी वेणुगोपाल ने कहा कि मणिपुर का मुद्दा महत्वपूर्ण है और नेता प्रतिपक्ष लगातार इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं।
वेणुगोपाल ने आसन से मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग की। सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए सरकार ने पहले ही दिन सहमति जताई थी और इसके लिए सदन में समय भी तय किया गया था, लेकिन विपक्ष ने चर्चा नहीं होने दी।
उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्यों के मन में मणिपुर को लेकर कोई संवेदना ही नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्य चाहते हैं कि किसी न किसी तरह चर्चा टले ताकि उनके ‘‘काले काम’’ छिपे रहें।
गोयल ने सभापति से राजस्थान के मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराए जाने का अनुरोध किया। सत्तापक्ष के सदस्यों ने राजस्थान के मुद्दे पर और विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
सदन में व्यवस्था बनते न देख सभापति ने 11 बज कर करीब 15 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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