गांजा रूट: आंध्र, ओडिशा से झारखंड, बिहार होते हुए दिल्ली-एनसीआर के छात्रों तक

Last Updated 16 Jul 2023 11:06:04 AM IST

सस्ते और लोकल नशे के रूप में मार्केट में अपनी पकड़ बना चुका गांजा आखिर आ कहां से रहा है। यह एक सबसे बड़ा सवाल है। नोएडा - गाजियाबाद और दिल्ली में ये गली-गली और मोहल्ले में बहुत आसानी से लोगों को उपलब्ध हो जाता है।


Ganja Truck

 पुलिस ने बीते दिनों नोएडा और गाजियाबाद में जून और जुलाई में ही करीब 1000 किलोग्राम गांजा पकड़ा है। पकड़े गए गांजा की कीमत करीब 3 करोड़ के आसपास होगी। लेकिन आंध्रप्रदेश से लेकर इसे एनसीआर तक पहुंचाना और उसके लिए कॉरिडोर तैयार करना, तस्करों की बड़ी उपलब्धि माना जा रही है। छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड और बिहार के रास्ते यूपी तक गांदे की खेप को पहुंचाया जा रहा है। कभी बड़े-बड़े कैंटर में कबाड़ और सामान के नीचे, तो कभी ट्रक में नमक की बोरियों के नीचे लाद कर, तो कभी लग्जरी गाड़ी में सूट बूट पहने ड्राइवर के भेष में तस्कर इसे लेकर एनसीआर तक पहुंच रहे हैं।

आंध्र प्रदेश और उड़ीसा से इसे एनसीआर तक पहुंचाने के लिए इन तस्करों ने एक कॉरिडोर तैयार कर लिया है जिस पर छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार का रास्ता लेते हुए यमुना एक्सप्रेस वे होते हुए यह तस्कर एनसीआर में दाखिल हो रहे हैं। यह एक सस्ता और आसानी से उपलब्ध होने वाला नशा है और बहुत ही आराम से यह छात्र-छात्राओं, मजदूरों, कामगारों और अन्य लोगों में बांटा जा सकता है। कीमत बहुत ज्यादा अधिक ना होने के चलते लोग आराम से इसे खरीद लेते हैं और फिर इस नशे को इस्तेमाल करते हैं। नोएडा के थाना एक्सप्रेसवे पुलिस ने 17 जून को 360 किलो गांजे के साथ बीएचयू के एक छात्र को गिरफ्तार किया था। पकड़े गए गांज की कीमत 60 लाख बताई गई थी। उसके पास से एक लग्जरी कार बरामद हुई थी। जिससे वह गांजे को उड़ीसा से ले आकर एनसीआर में सप्लाई कर रहा था।

इस मामले में पुलिस ने बताया कि विनय कुमार दुबे बीएचयू में पढ़ाई करता है और अपने चार दोस्तों के साथ गाड़ियों में उड़ीसा और आंध्र प्रदेश से गांजा लौटकर एनसीआर लेकर आता है। गाड़ी लग्जरी होने की वजह से लोगों को इस बात का शक नहीं होता कि यह लोग गांजा तस्कर हैं। पुलिस ने बताया कि उड़ीसा से वाया जबलपुर होते हुए यह दिल्ली जा रहा था। दिल्ली में किसी पार्टी को इनको गांजा सप्लाई करना था। इनका काम सिर्फ गांजे को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाकर छोड़ देना है जिसके लिए अच्छी रकम दी जाती है। दूसरे मामले में 7 जुलाई को गाजियाबाद पुलिस ने उड़ीसा से कैंटर में नमक की बोरियों के नीचे छुपा कर लाए जा रहे 220 किलो गांजे को बरामद किया और 2 लोगों को गिरफ्तार किया। पकड़ा गया एक आरोपी ट्रक ड्राइवर है और उसने बताया कि उसकी कमाई काफी कम हो रही थी इसलिए उसने इस काम को चुना।

यह तस्कर कैंटर में नमक की बोरियां, कबाड़ सब्जी और अन्य सामान लोड कर देते थे और उन बोरियों के नीचे गांजे के पैकेट छुपा देते थे। इससे रास्ते में ना तो किसी को शक होता था और ना ही भारी समान होने की वजह से कोई चेकिंग के लिए से नीचे उतरवाता था। यह आरोपी उड़ीसा से रवाना होने के बाद माल डिलीवरी होने तक अपना मोबाइल बंद रखते थे जिससे पकड़ में ना आएं। तीसरे मामले में नोएडा पुलिस ने 10 जुलाई को 345 किलोग्राम गांजा पकड़ा और एक आरोपी को गिरफ्तार किया। यह तस्कर आंध्र प्रदेश और उड़ीसा से गांजा लाकर धड़ल्ले से दिल्ली हरियाणा और नोएडा में सप्लाई कर रहा था। इससे नारकोटिक्स टीम और कोतवाली थाना फेज टू पुलिस ने चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया। इसका एक साथी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है। अंतरराजजीय गांजा तस्कर इंद्रजीत सेनापति उर्फ कालिया अपने साथी परितोष सरकार के साथ मिलकर आंध्रप्रदेश से गांजा लाकर दिल्ली एनसीआर में सप्लाई करने का काम करता है।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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