शरद पवार आत्मकथा में कर चुके हैं अडाणी की प्रशंसा

Last Updated 09 Apr 2023 07:03:26 AM IST

विपक्ष की अडाणी (Adani) मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) जांच को एनसीपी नेता शरद पवार (Sharad Pawar) का समर्थन नहीं मिलने पर विपक्षी एकता को लेकर सवाल उठ रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि पवार और अडाणी के रिश्ते बेहद पुराने और मधुर हैं और एनसीपी कभी भी इस मामले में जेपीसी की मांग के साथ नहीं खड़ी थी।


पवार आत्मकथा में कर चुके हैं अडाणी की प्रशंसा

एनसीपी नेता शरद पवार (Sharad Pawar) और बड़े कारोबारी गौतम अडाणी (Gautam Adani) के बीच निकटता नई नहीं है। पवार ने 2015 में प्रकाशित अपनी राजनीतिक आत्मकथा में बड़े कारोबारी गौतम अडाणी की प्रशंसा में लेख लिखा है। मराठी में ‘लोक माझे सांगाती’ (Lok Maze Sangati) के नाम से लिखी गई इस आत्मकथा के पेज नंबर 123 पर अडाणी के बारे में लेख है।

यह आत्मकथा अंग्रेजी में ‘ऑन माई टर्म्स : फ्रॉम दा ग्रासरूट्स टू द कॉरिडोर ऑफ पावर’ (On My Terms from the Grassroots to the Corridors of Power) के नाम से लिखी गई है। पवार आत्मकथा में लिखते हैं कि अडाणी बिजली उत्पादन के क्षेत्र में उनकी सलाह पर ही आए थे। इससे पहले वह बिजली संयंत्रों को कोयले की सप्लाई करते थे। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल के क्षेत्र भंडारा में अडाणी ने पवार के कहने से ही बिजली संयंत्र लगाया है।

पवार अडाणी के विषय में लिखते हैं कि वह अविसनीय रूप से सहज और सरल हैं। उन्होंने अपना वर्तमान साम्राज्य शून्य से खड़ा किया है। वह अडाणी के गुजरात में मुंद्रा बंदरगाह हासिल करने और उसे विकसित करने के विषय में भी विस्तार से अपनी आत्मकथा में लिखते हैं।

यह देश का सबसे बड़ा बंदरगाह है। पवार ने पिछले साल मई में भी जैन अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संगठन (JITO) के कार्यक्रम में अडाणी को अपना अच्छा दोस्त बताया था। अडाणी का एक महीने बाद जून में पवार के क्षेत्र बारामती जाना हुआ। वहां पूरे पवार परिवार ने अडाणी का सत्कार किया। पवार के पोते रोहित पवार खुद मुंबई से कार चलाकर अडाणी को बारामती लेकर आए। यह सारी बातें जाहिर करती हैं कि ऐसे अच्छे रिश्तों में एनसीपी अडाणी के खिलाफ नहीं खड़ी हो सकती।

यही वजह है कि अदानी को लेकर संसद भवन में हुई विपक्ष की कई बैठकों से एनसीपी के नेता गैरहाजिर रहे। पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले किसी बैठक में शामिल नहीं हुई। विपक्ष ने अडाणी मामले में जब संसद भवन से ईडी दफ्तर की तरफ मार्च किया तो उसमें एनसीपी शामिल नहीं हुई।

समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली


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