अमृतपाल को जमीन निगल गई या आसमान खा गया
मार्च के पहले सप्ताह से गायब अमृतपाल सिंह अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। कई राज्यों की पुलिस उसे जल्द पकड़ने का दावा कर रही है। अमृतपाल सिंह न सिर्फ पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो रहा है बल्कि वह सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर अपने होने का एहसास भी दिला रहा है।
![]() खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह |
"वारिश पंजाब दे' संगठन का मुखिया और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को जमीन निगल गई या आसमान खा गया, किसी को कुछ पता नहीं है। अमृतपाल को पकड़ने के सारे दावे अभी तक फेल साबित हुए हैं। किसी फिल्म में अजय देवगन ने एक डायलॉग बोला था,जो कुछ इस प्रकार है, अगर पुलिस चाहे तो कोई मंदिर के बाहर से चप्पल भी नहीं चुरा सकता।
हालांकि यह फिल्मी डायलॉग है, लेकिन यह डायलॉग बड़ा ही प्रासंगिक है। पुलिस के बारे में लोगों की धारणा भी कमोबेश ऐसी ही है। अमृतपाल सिंह को न पकड़ने के पीछे पुलिस का दावा है कि अमृतपाल हमेशा अपना हुलिया बदलता रहता है। वह किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल नहीं करता। मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करता। आमतौर पर बाइक से चलता है। कुछ दिन पहले उसे मेरठ के दौराला क्षेत्र में देखा गया था। जहां से वह ऑटो में बैठकर मेरठ के बेगम पुल पर उतरा था। मेरठ की पुलिस ने उस ऑटो वाले को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की थी। ऑटो वाले ने पुलिस वालों को उसका हुलिया बताया था। बावजूद इसके अभी तक वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। कभी उसे जालंधर में देखे जाने के बाद की गई थी।
अमृतपाल सिंह कितना शातिर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस की इतनी चौकसी के बावजूद उसने सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो मैसेज अपलोड कर दिया था। उधर पंजाब पुलिस कह रही है कि बहुत जल्दी अमृतपाल सिंह को पकड़ लिया जाएगा। पंजाब पुलिस, हरियाणा पुलिस और उत्तर प्रदेश की पुलिस उसे पकड़ने के लिए दिन रात मेहनत कर रही है। बावजूद इसके वह पकड़ा नहीं जा रहा है। आखिर कौन उसका साथ दे रहा है? अगर अमृतपाल सिंह अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है तो इसका सीधा- सीधा मतलब यह है कि अपने देश में ही या यूं कहिए कि पंजाब में ही उसके ऐसे समर्थक हैं जो उसे भगाने में या उसे छुपाने में उसकी मदद कर रहे हैं। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि अमृतपाल सिंह नेपाल या पाकिस्तान भाग सकता है।
पुलिस का दावा है कि उसके संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी हो सकता है। ऐसे में अगर वह पाकिस्तान भाग गया तो उसे निश्चित तौर पर आईएसआई का संरक्षण प्राप्त हो जाएगा। पंजाब पुलिस ने "वारिस पंजाब दे" संगठन के लगभग डेढ़ सौ लोगों को हिरासत में ले रखा है। उनसे लगातार पूछताछ हो रही है, लेकिन अमृतपाल सिंह को लेकर अभी तक पुलिस को कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। ऐसे में सवाल यह पैदा हो रहा है कि आखिर कौन उसकी मदद कर रहा है? कहीं पंजाब पुलिस के भीतर ही उसके समर्थक तो नहीं बैठे हैं जो पुलिस की एक-एक गतिविधियों की जानकारी पहुंचा रहे हैं।
खालिस्तानी संगठन पर आरोप है कि वह अमृतपाल सिंह को आर्थिक मदद कर रहा है। उस संगठन के किसी ऐसे व्यक्ति को पुलिस अब तक नहीं पकड़ पाई है जो यह जानकारी दे सके कि अमृतपाल की लोकेशन क्या है? बहरहाल अमृतपाल सिंह का अभी तक ना पकड़ा जाना पुलिस पर सवालिया निशान तो जरूर उठाता है।
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