सेबी के पास जमा सहारा के पैसों से निवेशकों को लौटाई जाएगी रकम
सहारा के निवेशकों को भारी राहत देने वाली खबर है। एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सेबी के खाते में जमा सहारा के करीब 25,000 करोड़ में से पांच हजार करोड़ निकालकर सहारा की सहकारी समितियों के निवेशकों को वितरित करने का आदेश दिया है।
![]() सुप्रीम कोर्ट |
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सहारा-सेबी खाते में जमा इतनी बड़ी राशि का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। सहारा के निवेशकों को नौ माह के अंदर भुगतान किया जाए।
जस्टिस मुकेश कुमार शाह और सीटी रविकुमार की बेंच ने केंद्र सरकार के सहकारिता मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्रीय रजिस्ट्रार की अर्जी पर यह आदेश दिया। केंद्र सरकार की याचिका में कहा गया था कि जमाकर्ताओं को भुगतान के लिए सहारा समूह द्वारा बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास जमा 24 हजार 979 करोड़ रुपए में से पांच हजार करोड़ रुपए का आवंटन कर दिया जाए।
केंद्र ने एक जनहित याचिका में यह आवेदन दिया था। जनहित याचिका पिनाकी पाणि मोहंती ने दायर की थी और इसमें विभिन्न कंपनियों तथा सहारा क्रेडिट कंपनियों में निवेश करने वाले जमाकर्ताओं को इस राशि से भुगतान करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी की निगरानी में होगा निवेशकों को नौ माह के भीतर भुगतान
अदालत ने कहा, सहारा समूह की सहकारी समितियों के निवेशकों के बीच इस राशि का वितरण किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त जज जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी करेंगे। निवेशकों को भुगतान जस्टिस रेड्डी की देखरेख में किया जाएगा। उन्हें 15 लाख प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। उनकी सहायता के लिए वकील गौरव अग्रवाल को पांच लाख रुपए प्रतिमाह का भुगतान किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सहारा-सेबी रिफंड खाते से यह रकम सेंट्रल रजिस्ट्रार को ट्रांसफर की जाएगी। निवेशकों की पहचान तय करने के बाद उनका भुगतान पूरी पारदर्शिता से किया जाएगा। निवेशकों के बैंक खाते में सीधे रकम ट्रांसफर की जाएगी। निवेशकों की रकम के भुगतान का तरीका तथा अन्य औपचारिकताएं सेंट्रल रजिस्ट्रार जस्टिस रेड्डी तथा न्याय मित्र गौरव अग्रवाल से सलाह-मशविरे के बाद तय होंगी।
सहकारिता मंत्रालय की पहल पर सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों के निवेशकों की देय राशि लौटाने का आदेश दिया
अदालत ने कहा, सहारा के सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं को अविलम्ब उनकी रकम वापस की जाए। इस काम में नौ माह से अधिक नहीं लगना चाहिए। यदि कोई धनराशि बचती है तो वह सहारा-सेबी खाते में वापस कर दी जाए। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया था कि सहारा क्रेडिट सहकारी समिति से 2253 करोड़ रुपए सेबी के खाते में जमा किए गए थे। यह रकम सेबी के खाते में बेकार पड़ी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, निवेशकों के पैसा लौटाना जनहित में है।
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