अब खालिस्तान प्रोपेगेंडा, मोहरा है अमृतपाल सिंह?

Last Updated 19 Mar 2023 07:48:43 AM IST

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने देश में सिख धर्मस्थलों के मैनेजमेंट पर पकड़ मजबूत और भारत में सिखों को भड़काने की कोशिशें तेज कर दी हैं।


अमृतपाल सिंह

 भारत को अस्थिर करने के लिए अब खालिस्तान प्रोपेगेंडा, आईएसआई का मोहरा बना है अमृतपाल सिंह। खुफिया विभाग ने सरकार को इस बाबत रिपोर्ट दी थी। अमृतपाल की गिरफ़्तारी खुफिया रिपोर्ट के बाद और केंद्र के सख्त रु ख़्ा को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा की गई है। खुफिया विभाग अमृतपाल के पीछे की जा रही फंडिंग की जन्मकुंडली जल्द ही तैयार कर लेगी, जो अमृतपाल के लिए संकट पैदा कर देगा।

खुफिया सूत्रों के अनुसार पंजाब को फिर आतंकवाद के हवाले करने और दूसरा भिंडरवाला पैदा करने के उद्देश्य से पाकिस्तान सरकार ने इस साल जनवरी में आईएसआई के एक अधिकारी को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का सीईओ नियुक्त किया है। सूत्रों ने कहा कि उन्हें गुरु द्वारा दरबार साहिब करतारपुर की देखरेख करने का काम सौंपा गया था।

इसके साथ ही खुफिया सूत्रों ने बताया कि आईएसआई ने खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह को सिख धर्म और इतिहास में प्रशिक्षित करने के बाद भारत भेजा है। दुबई से भारत आने के पहले अमृतपाल जॉर्जिया की यात्रा पर गए थे और संभव है कि वहीं उन्हें यह सब पढ़ाया गया हो। आईएसआई पंजाब में खालिस्तानी अलगाववाद की आग को भड़काने के लिए ‘हाड़-मांस’ का एक कल्ट फीगर चाहता था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी एजेंसी अमृतपाल के इर्द-गिर्द एक ‘ब्रांड और कल्ट’ बना रही है और सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे उसके अभियान को भी नियंत्रित कर रही है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में कहा था कि ‘1000 लोग (अमृतपाल सिंह के अनुयायी, जिन्होंने कट्टरपंथी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के जेल में बंद साथी सदस्य को मुक्त करने के लिए अजनाला पुलिस स्टेशन का घेराव किया था जो पंजाब का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य में शांति भंग करने के लिए उन्हें पाकिस्तान द्वारा फंडिंग की गई थी।

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक नेता और ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह को सोशल मीडिया पर समर्थन दे रही है। खुफिया सूत्रों ने बताया कि अगस्त 2022 में दुबई से भारत आने के बाद से ही अमृतपाल भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है। खुफिया सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी अप्रत्यक्ष ‘फंडिंग रूट’ के माध्यम से सिंह का समर्थन कर रही है।

खुफिया एजेंसियों का मानना है कि अमृतपाल सिंह को बढ़ावा देकर आईएसआई पंजाब में एक ‘कट्टर सांप्रदायिक नेता’ खड़ा करना चाहती है। वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालेयुवाओं के बीच अलगाववादी भावनाओं को भड़काना चाहती है। खुफिया अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल जब वह भारत लौटा, तब ‘पहले दिन’ से एजेंसियां उसे संभावित खतरा मान रही हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अमृतपाल सिंह के समर्थक काफी बढ़ गए हैं। उसने बंदूकधारी समर्थकों की एक ‘प्राइवेट आर्मी’ तैयार की है, जिसकी संख्या 4-5 से बढ़कर 20-25 हो गई है।  रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंह को खालिस्तान टीवी से जुड़े ब्रिटेन के कट्टरपंथी नेता अवतार सिंह  खांडा का समर्थन प्राप्त है।

खांडा ने कथित तौर पर सिंह की ‘खालिस्तान समर्थक आइकन’ की छवि बनाने के लिए कट्टरपंथी सिख संगठनों के साथ अपने कथित संबंधों का इस्तेमाल किया। इन संगठनों के विदेशों में मौजूद नेता, आईएसआई के संपर्क में हैं।

आईएसआई सोशल मीडिया के माध्यम से 18 से 25 साल के युवा सिखों को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भारत में सिखों पर कथित ‘अत्याचार’ और ‘दमन’ की झूठी तस्वीरें दिखाकर टारगेट कर रही है।

खुफिया सूत्रों ने आगे कहा कि ऐसी पोस्ट पर कमेंट्स भारत के पंजाब से नहीं बल्कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से हैं जो वीपीएन के माध्यम से भारत में दिखाई दे रहे हैं। गृह मंत्रालय पंजाब की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है। एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि सिंह को फंडिंग कौन कौन कर रहा है और कहां-कहां से आ रहा है। उसे खुफिया विभाग ने इस बाबत काफी कुछ पता लगा लिया है।

कुणाल/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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