Shaligram Rocks: नेपाल से अयोध्या पहुंची शालिग्राम शिलाएं, बनेगी भगवान श्रीराम की मूर्ति

Last Updated 02 Feb 2023 03:36:30 PM IST

अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति बनाने के लिए नेपाल की काली गण्डकी नदी से निकाली गई दो 'पवित्र शिलाएं' गुरुवार को राम मंदिर ट्रस्ट को सौंप दी गईं हैं।


पवित्र शिलाएं बुधवार देर रात यहां पहुंचीं और उन्हें बृहस्पतिवार दोपहर विशेष पूजा अर्चना के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भेंट की गईं।

यहां 51 वैदिक शिक्षकों ने शालिग्राम पवित्र शिलाओं की पूजा की और उसके बाद उन्हें मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया गया।

नेपाल के जानकी मंदिर के महंत तपेश्वर दास ने श्री राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को ये शालिग्राम शिलाएं भेंट की ।

इन पत्थरों से उकेरी गई राम की ‘बालरूप’ (बाल रूप) की मूर्ति को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा, जिसके अगले साल जनवरी में मकर संक्रांति तक तैयार होने की उम्मीद है।

विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र सिंह पंकज 25 जनवरी को नेपाल के मुस्तांग जिले से दो पवित्र शिलाओं की खेप लेकर रवाना हुए थे।

नेपाल के मुस्तांग जिले में शालिग्राम या मुक्तिनाथ (शाब्दिक रूप से ‘मोक्ष का स्थान’) के करीब एक स्थान पर गंडकी नदी में पाए गए छह करोड़ वर्ष पुराने विशेष चट्टानों से पत्थरों के दो बड़े टुकड़े पिछले बुधवार को नेपाल से रवाना किए गये थे।

नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री बिमलेंद्र निधि ने दो शिलाओं की खुदाई का बीड़ा उठाया था। समारोह में उन्होंने कहा, हमें नेपाल से अयोध्या पहुंचने में आठ दिन लगे।

65 मिलियन वर्ष पहले हिमालय के निर्माण के बाद दक्षिण की ओर बहने वाली नदी की शिलाओं को हिंदू बहुत पवित्र मानते हैं। शिलाओं का उपयोग राम लला या भगवान राम की एक बच्चे के रूप में आदमकद प्रतिमा बनाने के लिए किया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राम मंदिर के निर्माण का निर्णय लेने के बाद इसकी निर्माण आयोजन समिति नेपाल से पवित्र शिलाओं की तलाश कर रही थी। मंत्री बिमलेंद्र निधि से संपर्क करने के बाद उन्हें पवित्र शिलाएं मिलीं।

जब इन शिलाओं को नेपाल से अयोध्या ले जाया जा रहा था, तब हजारों लोगों ने उनका का स्वागत किया और पूजा की। आयोजन समिति के अनुसार दोनों शिलाएं सात फुट लंबी, पांच फुट चौड़ी और साढ़े तीन फुट मोटी हैं। इनका वजन 16 से 18 टन के बीच है।

रिपोर्ट के अनुसार, 19 जनवरी को अयोध्या के मंदिर के ट्रस्टियों की एक टीम चट्टानों के परिवहन के क्रम में काठमांडू पहुंची और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल से मुलाकात की। इसके बाद इन शिलाओं को अयोध्या लाया गया। आयोजकों के मुताबिक इसी महीने से प्रतिमा बनाने का काम शुरू हो जाएगा।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने पहले बताया था, ‘ये शालिग्राम शिलाएं छह करोड़ साल पुरानी हैं। विशाल शिलाएं दो अलग-अलग ट्रकों पर नेपाल से अयोध्या पहुंचेंगी ।

भाषा/ आईएएनएस
काठमांडू/अयोध्या


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