पाकिस्तान ने खोली भारत के खिलाफ ई-जिहाद की फैक्टरी
पाकिस्तान में बिजली गुल है, भुखमरी दस्तक दे रही है, हुक्मरान द्वारा एक अदद मदद के लिए विश्व के देशों के दरवाजों पर कटोरा लेकर जाने के पहले ही उनके दरवाजे पाक के लिए बंद हो जाते हैं।
![]() पाक ने खोली भारत के खिलाफ ई-जिहाद की फैक्टरी |
पाकिस्तान को अपने अवाम के लिए सामानों के आयात के लिए बैंक में पैसे नहीं, मगर आतंकी जेहादी फैक्टरी में जेहादी के वेतन के लिए पैसा लूटा रहा है। खुफिया सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान ने भारत में आतंक फैलाने और युवाओं को बहकाकर उन्हें आतंकी संगठन में शामिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक आतंकी संगठन जमात उद दावा, लश्कर, जैश ए मोहम्मद और डी कंपनी के गुर्गे भारत के युवाओं को रेडिक्लाइज कर रहे हैं। हालांकि भारत की खुफिया एजेंसी इन पर नजर बनाए हुए हैं। खुफिया सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान के आतंकियों ने ई-जिहाद को अपना सबसे बड़ा टूल बना लिया है। पाकिस्तान भले ही आतंकियों के सरगनाओं को जेल में डालने की बात करता हो, लेकिन वह दुनिया की आंखों में धूल झोंककर भारत के खिलाफ ऑनलाइन जिहाद करने में जुटा हुआ है।
भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि आतंकी संगठन जमात उद दावा, लश्कर, जैश एमोहम्मद और डी कंपनी के गुर्गे भारत के युवाओं को रेडिक्लाइज कर रहे हैं। इसके लिए बकायदे उन्होंने मोटी सैलरी पर टेक्नोक्रेट हायर किए हुए हैं। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान में लश्कर सरगना हाफिज सईद के कराची और लाहौर के दफ्तरों में जहां से युवाओं को भड़काने के लिए कभी-कभी सईद तकरीरें किया करता था, आज वहां से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत के खिलाफ ऑनलाइन जिहाद को अंजाम देने के लिए सैकड़ों की संख्या में टेक्नोक्रेट को काम पर लगा रखा है, जिन्हें बाकायदा हर महीने 20 हजार रु पए तक सैलरी दी जा रही है। जानकारी के मुताबिक लश्कर ए तैयबा के साथ साथ अलकायदा और इस्लामिक स्टेट के आतंकी भी कश्मीर, असम, केरल, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन कर युवाओं को आतंक की राह में धकेलने में लगे हुए हैं। ऑनलाइन रेडिकलाइज्ड करने के लिए आतंकी खास तरीका इस्तेमाल कर रहे हैं।
जिहादी बनाने के लिए आतंकियों ने चार लेयर सिस्टम बनाया हुआ है। पहले लेयर जिसे कोर कहा जाता है, उसमें बेहद ट्रेंड और भरोसेमंद ई-जिहादियों को रखा जाता है। कोर टीम में शामिल ई-जिहादी पूरे ऑपरेशन की प्लानिंग तैयार करते हैं। दूसरे लेयर में उन ई-जिहादियों को रखा जाता है, जिन्हें कोर टीम के तैयार किए गए ऑनलाइन रेडिकलाइज्ड मैटेरियल को सोशल मीडिया पर डिस्ट्रीब्यूट करना होता है। तीसरा लेयर वह है, जिसे मीडियम कोर कहा जाता है। मीडियम कोर में उन लोगों को शामिल किया जाता है, जिन्हें ऑनलाइन रेडिकलाइज्ड करने के लिए आसान टारगेट्स दिए जाते हैं। इसके बाद सबसे बाहरी और चौथी लेयर होती है, जिसमें आउटर कोर होता है।आउटर कोर में शामिल ई-जिहादी ऑनलाइन कंटेंट को वैसे लोगों तक फैलाते हैं, जो एक क्लिक पर वीडियो और जिहादी कंटेंट पर टाइम स्पेंड करते हैं।
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