गांधी के आदर्शों को प्राप्त करना अभी बाकी : मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बाबासाहेब आंबेडकर और अन्य विभूतियों द्वारा प्रस्तुत भविष्य के मानचित्र का जिक्र करते हुए कहा कि हम काफी हद तक उनकी उम्मीदों पर खरे उतरे भी हैं, लेकिन यह भी महसूस करते हैं कि गांधीजी के सर्वोदय के आदर्शों को प्राप्त करना, सभी का उत्थान किया जाना अभी बाकी है।
![]() राष्ट्रपति मुर्मू देश के 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन करती हुई। |
राष्ट्रपति मुर्मू ने देश के 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में यह बात कही।
74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन
राष्ट्रपति ने कहा, हमने सभी क्षेत्रों में उत्साहवर्धक प्रगति हासिल की है। सवरेदय के मिशन में आर्थिक मंच पर भी प्रगति सबसे अधिक उत्साहजनक रही है। पिछले साल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया तथा यह उल्लेख करना जरूरी है कि यह उपलब्धि आर्थिक अनिश्चितता से भरी वैश्विक पृष्ठभूमि में प्राप्त की गई है।
कोरोना के वैश्विक प्रभावों के संदर्भ में उन्होंने कहा, वैश्विक महामारी चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है और दुनिया के अधिकांश हिस्सों में आर्थिक विकास पर इसका प्रभाव पड़ रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा, शुरुआती दौर में कोरोना से भारत की अर्थव्यवस्था को काफी क्षति पहुंची, फिर भी सक्षम नेतृत्व और प्रभावशीलता के बल पर हम इससे बाहर आ गए और अपनी विकास यात्रा को फिर से शुरू किया।
मुर्मू ने कहा, अर्थव्यवस्था के अधिकांश क्षेत्र अब हमारी महामारी के प्रभाव से बाहर आ गए हैं। भारत तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह सरकार द्वारा समय पर किए गए प्रयासों द्वारा ही संभव हो पाया है। इस संदर्भ में आत्मनिर्भर भारत अभियान के प्रति जन सामान्य के बीच विशेष उत्साह देखा जा रहा है।
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