विकासशील देशों की आवाज बनना भारत का कर्तव्य : जयशंकर

Last Updated 07 Jan 2023 11:04:24 AM IST

भारत 12-13 जनवरी को डिजिटल माध्यम से 'वॉयस आफ गलोबल साउथ' शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा जिसमें वैश्विक दक्षिण सहित विकासशील देशों को अपने मुद्दों, चिंताओं और प्राथमिकताओं को रखने का मौका मिलेगा।


विकासशील देशों की आवाज बनना भारत का कर्तव्य : जयशंकर (फाइल फोटो)

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि विकासशील देशों अथवा 'ग्लोबल साउथ' की आवाज बनना भारत का कर्तव्य है। जयशंकर ने यहां एक समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि मौजूदा समय में विकासशील देश कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और वे बड़ी उम्मीदों के साथ भारत की ओर देख रहे हैं।

इससे पहले विदेश मंत्रालय ने घोषणा की कि भारत 'ग्लोबल साउथ' के देशों को एक साथ लाने और विभिन्न वैश्विक चुनौतियों से संबंधित उनकी सामान्य चिंताओं, हितों और दृष्टिकोण को साझा करने के लिए 12 और 13 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

दरअसल, 'ग्लोबल साउथ' का इस्तेमाल एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के विकासशील देशों के लिये किया जाता है।

जयशंकर ने भारत की जी-20 समूह की अध्यक्षता को लेकर कहा, ‘‘मौजूदा समय में विकासशील देश तेल, खाद्यान्न और उर्वरकों की बढ़ती कीमतों से चिंतित हैं। वे बढ़ते कर्ज और बिगड़ती आर्थिक स्थिति को लेकर भी चिंतित हैं। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि हम कूटनीतिक दृष्टि से ग्लोबल साउथ कहे जाने वाले ऐसे देशों की आवाज बनें।’’

विदेश मंत्री बीएपीएस स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख स्वामी महाराज शताब्दी समारोह के एक कार्यक्रम को अहमदाबाद के बाहरी इलाके में स्थित प्रमुख स्वामी महाराज नगर में एक सभा को संबोधित कर रहे थे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विकासशील देशों को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से काफी उम्मीदें हैं।

 

भाषा
अहमदाबाद


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