विपक्षी एकता के लिए सीटों से समझौता नहीं, कांग्रेस सिर्फ 200 सीट पर लड़े, यह नामुमकिन : जयराम

Last Updated 02 Jan 2023 07:46:49 AM IST

‘भारत जोड़ो यात्रा’ को लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी इन दिनों सुर्खियों में हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने 2024 के चुनाव में राहुल गांधी के विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद चेहरा होने की पैरवी की है।


कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (फाइल फोटो)

दूसरी तरफ, अखिलेश यादव और कुछ अन्य प्रमुख विपक्षी नेताओं ने यात्रा से दूरी बनाई है जिससे विपक्षी एकजुटता की संभावना पर प्रश्नचिह्न लगा है। कांग्रेस के विपक्ष की धुरी बनने के बारे में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, मैं मानता हूं कि अगर कांग्रेस अपने आप को मजबूत नहीं कर सकती तो विपक्षी एकता एक ख्वाब रहेगी।

विपक्षी एकता का यह मतलब नहीं है कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ 200 सीट (लोकसभा) पर लड़े। यह नामुमकिन है। यह कभी नहीं हो सकता कि विपक्ष की एकता के नाम पर कांग्रेस सिर्फ 200 सीट पर चुनाव लड़े। उन्होंने कहा, विपक्षी दलों को भी समझना चाहिए कि भाजपा का एकमात्र राष्ट्रीय विकल्प कांग्रेस है। विचारधारा के आधार पर एक ही विकल्प है। विपक्षी दल हमेशा कांग्रेस से लेते रहे हैं। विपक्षी एकता का मतलब कुछ लेना और कुछ देना है। कांग्रेस अब तक सिर्फ देती रही है, वो जमाना गया।

‘भारत जोड़ो यात्रा’ के असर के बारे में कांग्रेस महासचिव ने कहा, इस यात्रा से कुल मिलाकर कांग्रेस संगठन में नई जान आई है। हम जिन राज्यों से गुजरे हैं, जहां से नहीं भी गुजरे हैं वहां भी एक नई उमंग और नया जोश देखने को मिल रहा है और यह महसूस भी हो रहा है। कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अलग से निकाली गई है। मुख्य असर यह है कि कांग्रेस को संजीवनी मिली है।

जयराम ने कहा, राहुल जी की छवि में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। जिस तरह से उनकी छवि भाजपा के सोशल मीडिया के लोगों द्वारा बिगाड़ी गई थी, वो बात अब इतिहास हो गई है। आलोचना किसी की भी हो सकती है, लेकिन अब वे लोग व्यक्तिगत तौर पर राहुल जी के बारे में कुछ नहीं कह सकते।

उन्होंने कहा, राहुल गांधी जी जिस तरह से रोज 23-24 किलोमीटर चल रहे हैं, हजारों-लाखों लोगों से मिल रहे हैं, उन्हें सुन रहे हैं, यह राहुल के लिए भी उपलब्धि है और पार्टी के लिए भी उपलब्धि है। यात्रा से विपक्ष के बड़े नेताओं के दूर के बारे में जयराम ने कहा, यात्रा का मकसद कभी भी विपक्षी एकता नहीं था। विपक्षी एकता यात्रा का नतीजा हो सकती है। हमने यह नहीं सोचा कि विपक्ष में एकजुटता लाने के लिए ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकालें। हमने कहा, हमें संगठन को मजबूत करना है, कांग्रेस पार्टी में एक नई जान फूंकनी है, इसके लिए यात्रा निकालनी है।

भाषा
नई दिल्ली


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