अमित शाह का कांग्रेस पर पलटवार, राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से मिले चंदे पर उठाए सवाल
भारत-चीन मसले पर कांग्रेस द्वारा संसद में किए जा रहे हंगामे पर पलटवार करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि लोक सभा में विपक्ष ने प्रश्नकाल नहीं चलने दिया, वे इसकी घोर निंदा करते हैं।
![]() गृह मंत्री अमित |
शाह ने कहा कि 8 दिसंबर की देर रात और 9 दिसंबर की सुबह की घटनाओं का हवाला देते हुए विपक्ष ने खासकर कांग्रेस ने प्रश्नकाल को चलने नहीं दिया जबकि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बता दिया था कि 12 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सदन में बयान देंगे। जब सरकार बयान देने को तैयार थी तो हंगामे का कोई औचित्य नहीं था।
शाह ने यह खुलासा किया कि प्रश्नकाल में पांचवा सवाल राजीव गांधी फाउंडेशन के एफसीआरए रेजिस्ट्रेशन रद्द करने के बारे में सवाल था, जो कांग्रेस सांसद द्वारा ही पूछा गया था और सरकार की तरफ से जवाब भी स्पष्ट था, जो वो सदन के पटल पर भी बताते कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने 2005-6 और 2006-7 के वित्तीय वर्ष में चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त किया। यह एफसीआरए कानून के अनुकूल नहीं था, इसलिए नोटिस देकर तमाम कानूनी प्रक्रिया का पालन कर गृह मंत्रालय ने इसका रेजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। राजीव गांधी फाउंडेशन ने सामाजिक कार्यो के लिए अपना रेजिस्ट्रेशन करवाया था जबकि चीनी दूतावास ने भारत चीन संबंधों के विकास पर शोध करने के लिए राजीव गांधी फाउंडेशन को यह पैसा दिया था।
उन्होंने यह भी बताया कि राजीव गांधी फाउंडेशन के एफसीआरए लाइसेंस रद्द होने का एक और कारण जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन से 7 जुलाई 2011 को पचास लाख रुपया लेना भी था। राजीव गांधी फाउंडेशन के कर्ता धर्ता, जो कांग्रेस की फैमिली पार्टी के सदस्य हैं, ये बताएं कि जाकिर नाइक ने उन्हें यह पैसा क्यों दिया था।
शाह ने 1962 में हजारों हेक्टेयर जमीन पर चीन द्वारा कब्जा करने और अन्य कई उदाहरणों का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर तीखा निशाना साधते हुए कहा कि जब तक नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में है, भारत की एक इंच जमीन पर भी कोई कब्जा नहीं कर सकता।
गृह मंत्री अमित शाह ने भारत-चीन सीमा पर भारतीय सेना के शौर्य की तारीफ करते हुए कहा है कि 8 की रात और 9 की सुबह हमारे जवानों ने चीन के एक-एक सैनिकों को बाहर भगा कर हमारी भूमि की रक्षा की। उन्होंने जवानों की वीरता की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि यह भाजपा और नरेंद्र मोदी की सरकार है और जब तक नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में है तब तक भारत की एक इंच जमीन पर भी कोई कब्जा नहीं कर सकता है।
कांग्रेस ने सरकार से राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट नामक दो एनजीओ के लाइसेंस रद्द करने की जानकारी मांगी थी, जिसके जवाब में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुलासा किया कि विदेशी अनुदान नियम का उलंघन करने के चलते ये फैसला किया गया है। यही नहीं गृह मंत्रालय ने ये भी बताया कि सिर्फ गांधी परिवार से जुड़े ही नहीं बल्कि पिछले 3 सालों में 1,811 एनजीओ के लाइसेंस रद्द किए गए हैं।
अमित शाह ने मंगलवार को संसद में हंगामे के बाद खुलासा किया कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने 2005-06 और 2006-07 के वित्तीय वर्ष में चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त किया। यह एफसीआरए कानून के अनुकूल नहीं था, इसलिए नोटिस देकर तमाम कानूनी प्रक्रिया का पालन कर गृह मंत्रालय ने इसका रेजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया।
इसके अलावा लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि राजीव गांधी फाउंडेशन के एफसीआरए लाइसेंस को विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम 2010 की धारा 11 के प्रावधानों और धारा 12(4) (क) के तहत पंजीकरण की शर्तों के उल्लंघन के कारण एफसीआरए 2010 की धारा 14 के तहत रद्द किया गया था। वहीं राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के एफसीआरए लाइसेंस को एफसीआरए की धारा 8 (1) (क), 11,17,18 और 19 के प्रावधानों तथा धारा 12 (4) (क) के तहत पंजीकरण की शर्तों के उल्लंघन के कारण एफसीआरए 2010 की धारा 14 के तहत रद्द किया गया था।
वहीं लाइसेंस दोबारा जारी करने के सवाल पर नित्यानंद राय ने बताया कि जिस एसोसिएशन के एफसीआरए पंजीकरण को एफसीआरए 2010 की धारा 14 के प्रावधानों के अनुसार रद्द किया गया है, वह एसोसिएशन पंजीकरण रद्द किए जाने की तारीख से 3 वर्षों की अवधि के लिए पंजीकरण अथवा पूर्व अनुमति दिए जाने हेतु पात्र नहीं होगा।
राय ने ये भी बताया कि पिछले तीन वर्षों यानी 2019 से 2021 के दौरान 1,811 संगठनों के एफसीआरए पंजीकरण प्रमाणपत्र नियमों के उलंघन के चलते रद्द किए गए हैं। इस दौरान तमिलनाडु में 218 और महाराष्ट्र में 206 लाइसेंस रद्द किए गए हैं। इन संगठनों के एफसीआरए पंजीकरण प्रमाणपत्र विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम, 2010 (एफसीआरए 2010) के प्रावधानों के उल्लंघन के कारण एफसीआरए 2010 की धारा 14 के तहत रद्द किए गए हैं।
गौरतलब है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं, जबकि अन्य ट्रस्टियों में पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हैं। वहीं राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष भी सोनिया गांधी ही हैं। वहीं इसके ट्रस्टी में राहुल गांधी, अशोल गांगुली, बंसी मेहता और दीप जोशी शामिल हैं।
| Tweet![]() |