जी20 अध्यक्ष के रूप में भारत 'विश्व कल्याण' पर करेगा फोकस : पीएम मोदी

Last Updated 27 Nov 2022 01:33:35 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत को जी20 की अध्यक्षता के दौरान वैश्विक भलाई और विश्व कल्याण पर फोकस करेगा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

अपने मासिक रेडियो प्रसारण 'मन की बात' में, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 1 दिसंबर से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के लिए तैयार है, जो देश के लिए एक बड़ा अवसर है।

मोदी ने अपने संबोधन में कहा, जी-20 की अध्यक्षता हमारे लिए एक बड़े अवसर के रूप में आई है। हमें इस अवसर का पूरा उपयोग करना है और वैश्विक भलाई, विश्व कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना है। शांति हो या एकता, पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता हो, सतत विकास हो, भारत के पास इनसे जुड़ी चुनौतियों का समाधान है। हमने वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर की जो थीम दी है, उससे वसुधैव कुटुम्बकम के लिए हमारी प्रतिबद्धता जाहिर होती है।

उन्होंने आगे कहा कि आने वाले दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में जी-20 से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के लोगों को आपके राज्यों में आने का मौका मिलेगा। मुझे विश्वास है कि आप संस्कृति के विविध और विशिष्ट रंगों को दुनिया के सामने लाएंगे और आपको यह भी याद रखना होगा कि जी20 में आने वाले लोग, भले ही वे अभी प्रतिनिधि के रूप में आए हों, भविष्य के पर्यटक हैं।

भारत ने अंतरिक्ष में पहला रॉकेट भेजा

हाल ही में देश के पहले प्राइवेट रॉकेट 'विक्रम-एस' के प्रक्षेपण का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ''18 नवंबर को पूरे देश ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में नया इतिहास बनते देखा। इस दिन भारत ने अंतरिक्ष में पहला रॉकेट भेजा। जिसे भारत के प्राइवेट सेक्टर द्वारा डिजाइन और तैयार किया गया था। इस रॉकेट का नाम 'विक्रम-एस' है। स्वदेशी अंतरिक्ष स्टार्टअप के इस पहले रॉकेट ने जैसे ही श्रीहरिकोटा से ऐतिहासिक उड़ान भरी, हर भारतीय का दिल गर्व से ऊंचा हो गया।



विक्रम-एस रॉकेट कई विशेषताओं से लैस है। उन्होंने कहा, ''यह अन्य रॉकेटों की तुलना में हल्का भी है, और सस्ता भी है।''

इसकी विकास लागत अंतरिक्ष मिशन में शामिल अन्य देशों द्वारा किए गए खर्च की तुलना में बहुत कम है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में, कम लागत पर विश्व स्तर का मानक अब भारत की पहचान बन गया है। इस रॉकेट को बनाने में एक और आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है।

मोदी ने कहा, ''आपको जानकर हैरानी होगी कि इस रॉकेट के कुछ अहम हिस्से 3डी प्रिंटिंग से तैयार किए गए हैं। निश्चित तौर पर 'विक्रम-एस' के लॉन्च मिशन को दिया गया 'प्रारंभ' नाम बिल्कुल सही बैठता है। यह भारत में निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक नए युग की शुरूआत का प्रतीक है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment