कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव: राहुल गांधी ने 'एक व्यक्ति, एक पद' का समर्थन कर अशोक गहलोत को दिया संकेत

Last Updated 22 Sep 2022 04:33:51 PM IST

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को संकेत दिया कि कांग्रेस 'एक व्यक्ति एक पद' के सिद्धांत पर अमल करते हुए उदयपुर सम्मेलन में लिए गए फैसले का पालन करेगी।


एक व्यक्ति एक पद का नियम लागू होगा: राहुल

गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के, दिन के पहले और दूसरे चरण के बीच आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान सवालों के जवाब में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का पद सिर्फ एक संगठनात्मक पद नहीं है, बल्कि यह एक वैचारिक पद और एक विश्वास प्रणाली है।

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह उदयपुर चिंतन शिविर में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ के फैसले के साथ खड़े रहेंगे तो गांधी ने कहा, ‘‘हमने उदयपुर में जो फैसला किया था, हम उम्मीद करते हैं कि वह प्रतिबद्धता बरकरार रहेगी।’’



वायनाड लोकसभा सीट से सांसद गांधी ने कहा कि जो कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष बनता है, उन्हें याद रखना चाहिए कि वह विचारों के एक समूह, विश्वास की एक व्यवस्था और भारत के एक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करते हैं।

उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवारों को सलाह दी, ‘‘आप ऐतिहासिक पद लेने जा रहे हैं। एक ऐसा पद, जो भारत के एक विशेष दृष्टिकोण को परिभाषित करता है और परिभाषित करता भी रहा है।’’

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यालयों और अन्य परिसरों पर देशव्यापी छापेमारी पर गांधी ने कहा, ‘‘हर तरह की सांप्रदायिकता का मुकाबला किया जाना चाहिए, चाहे वह कहीं से भी हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सांप्रदायिकता के प्रति ‘कतई बर्दाश्त न करने’ (जीरो टॉलरेंस) की नीति होनी चाहिए और इसका मुकाबला किया जाना चाहिए।’’

राहुल गांधी का बयान सचिन पायलट के लिए राहत की बात है। सचिन राजस्थान मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर बैठना चाहते हैं।

गहलोत पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं और संभावना है कि गहलोत के चुने जाने पर पार्टी राजस्थान में एक नया मुख्यमंत्री नियुक्त करेगी।

अशोक गहलोत और शशि थरूर के बीच संभावित मुकाबला होने की उम्मीद है, लेकिन इस बीच सुरेश पचौरी ने बुधवार को मुकुल वासनिक और पवन बंसल के अलावा सोनिया गांधी
से भी मुलाकात की।

इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केरल पहुंचे। केरल जाने से पहले उन्होंने बुधवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी जो दो घंटे चली।

अधिसूचना जारी होने से एक दिन पहले बुधवार को, गहलोत और पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के चुनावी समर में उतरने का स्पष्ट संकेत देने के बाद यह संभावना प्रबल हो गई है कि 22 साल बाद, देश की सबसे पुरानी पार्टी का प्रमुख चुनाव के जरिये चुना जाएगा।

गहलोत ने कहा था कि वह पार्टी का फैसला मानेंगे, लेकिन उससे पहले राहुल गांधी को अध्यक्ष बनने के लिए मनाने का एक आखिरी प्रयास करेंगे।

सूत्रों के हवाले से बताया गया कि, सोनिया गांधी ने कहा है कि चुनाव निष्पक्ष होगा और वह किसी भी उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेंगी। जाहिर तौर पर बैठक में राजस्थान के मुद्दे
पर भी चर्चा हुई, लेकिन इस पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

गहलोत अगले सप्ताह अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं। हालांकि, वह राज्य में मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने से हिचक रहे हैं।

दूसरी तरफ, पहले से ही चुनाव लड़ने का संकेत दे रहे लोकसभा सदस्य थरूर ने बुधवार को कांग्रेस के मुख्यालय में पहुंचकर पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री से मुलाकात की और नामांकन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी हासिल की।

कुछ अन्य नेताओं के भी चुनावी मैदान में उतरने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता।

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना आज जारी कर दी गई है। घोषित कार्यक्रम के अनुसार, अब नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है। एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे।

 

भाषा/आईएएनएस
कोच्चि


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