भारतीय दल काबुल में, मानवीय सहायता का जायजा लेगा

Last Updated 03 Jun 2022 03:43:03 AM IST

अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद पहली बार भारत से विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ राजनयिक की अगुवाई में एक दल काबुल गया है जो उस देश में भारतीय मानवीय सहायता अभियान एवं आपूर्ति का जायजा लेगा तथा वहां सत्तारूढ़ तालिबान के वरिष्ठ सदस्यों से मुलाकात भी करेगा।


भारतीय दल काबुल में, मानवीय सहायता का जायजा लेगा

विदेश मंत्रालय से बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी।

इस दल का नेतृत्व पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान (पीएआई) के लिए वरिष्ठ राजनयिक जेपी सिंह कर रहे हैं। यह दल तालिबान के वरिष्ठ सदस्यों से मुलाकात कर भारत की ओर से भेजी गई सहायता के बारे में चर्चा करेगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पीएआई) जेपी सिंह के नेतृत्व में अधिकारियों का एक दल अभी काबुल में है, जो अफगानिस्तान में हमारे मानवीय सहायता आपूर्ति अभियान का जायजा लेगा। भारतीय दल की सुरक्षा के बारे में उन्होंने कहा, जब हमारी टीम वहां गई है तो हमें उनकी सुरक्षा का ध्यान है ताकि कोई दिक्कत नहीं हो।

इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा, यह दल मानवीय सहायता में शामिल विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगा और संभवत: उन स्थानों पर भी जाएगा जहां भारतीय कार्यक्रम अथवा परियोजनाएं लागू की जा रही हैं। बागची ने कहा, यह दल परियोजनाओं को देखने काबुल या उसके बाहर जाएगा, इसके बारे में अभी जानकारी नहीं दे सकते। इस बारे में जब कोई जानकारी मिलेगी, तब बताएंगे।

काबुल में भारतीय दूतावास खोलने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, इस बारे में हमें पिछले वर्ष अगस्त के बाद के घटनाक्रम पर ध्यान देना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या यह तालिबान को मान्यता देने की दिशा में एक कदम है, बागची ने कहा, यह सही है कि यह काबुल के लिए भारतीय दल की पहली यात्रा है लेकिन यह यात्रा मानवीय सहायता एवं वितरण के विषय से संबंधित हैं और इसमें ज्यादा कुछ अनुमान नहीं लगाया जाना चाहिए।

इससे पहले विदेश मंत्रालय ने बयान में बताया, अफगानिस्तान के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत अब तक 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं, 13 टन दवा, कोरोना रोधी टीके की पांच लाख खुराक, गर्म कपड़े आदि वहां भेज चुका है। यह सामग्री काबुल में इंदिरा गांधी बाल अस्पताल, डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूईपी जैसी संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों को सौंपी गई हैं।

भाषा
नई दिल्ली


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