AIMPLB ने सियासी दलों की चुप्पी पर साधा निशाना
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे पर केन्द्र तथा विभिन्न राज्य सरकारों के साथ-साथ राजनीतिक दलों की चुप्पी पर निशाना साधा है।
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बोर्ड ने कहा कि समाज में नफरत फैलाने वाले तत्व झूठ का जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं तथा मुसलमानों के पवित्र स्थानों को टारगेट कर रहे हैं।
बोर्ड की कार्यकारी समिति ने कहा है कि केन्द्र सरकार उपासना स्थल अधिनियम, 1991 पर अपना रुख स्पष्ट करे। बोर्ड ने कहा कि मुसलमानों के खिलाफ हिंसा पर केन्द्र की चुप्पी एक आपराधिक कृत्य है और इसे हरगिज स्वीकार नहीं किया जा सकता।
बोर्ड ने मस्जिद के सभी इमामों से कहा कि वह जुमे की नमाज के दौरान मस्जिद के महत्व पर अगले तीन सप्ताह तक प्रकाश डालें। बोर्ड ने एक कानूनी समिति का भी गठन किया है और कहा कि अदालतों ने देश के अल्पसंख्यकों को मायूस किया है।
समिति उपासना स्थल अधिनियम की समीक्षा करेगी। ज्ञानवापी तथा अन्य मस्जिदों के मामले में इस अधिनियम के तहत कार्यवाही के बारे में निर्णय लिया जाएगा।
बोर्ड की वर्चुअल बैठक में जमाते-इस्लामी हिंद के अमीर सैयद सदाउल्लाह हुसैनी, एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी तथा वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एसक्यूआर इलयास शामिल हैं।
इलयास सीमी का सक्रिय कार्यकर्ता
इलयास सीमी का सक्रिय कार्यकर्ता रह चुका है। वह 1983 से 1985 के बीच सीमी का अध्यक्ष था।
यूएपीए के तहत इस पर 2001 में प्रतिबंध लगा दिया गया था। उसके बाद से इस पर पाबंदी जारी है।
इलयास ने सीएए तथा 370 के मुद्दे पर भी विरोध प्रदर्शन किया था। जेएनयू का छात्र उमर खालिद इलयास का बेटा बताया जाता है। खालिद दिल्ली दंगों के सिलसिले में इस समय जेल में है।
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