आयुध कारखानों में खराब उत्पादों के कारण हुई 584 दुर्घटनाएं : कैग

Last Updated 06 Apr 2022 06:41:04 PM IST

आयुध कारखानों द्वारा उत्पादित हथियारों और गोला-बारूद की गुणवत्ता में कमी के कारण 2014-15 से 2018-19 के बीच कुल 584 दुर्घटनाएं हुई हैं। संसद में बुधवार को पेश की गई नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग यानि सीएजी) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।


नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग यानि सीएजी)

आयुध कारखानों और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है, "दुर्घटनाओं में देखे गए दोषों की प्रकृति मुख्य रूप से विभिन्न घटकों (कंपोनेंट्स) की गुणवत्ता संबंधी समस्याओं, गोला-बारूद की खराबी और हथियारों के नुकसान का संकेत देती है।"

इसमें कहा गया है कि गुणवत्ता की कमियों की जांच में काफी वक्त लगा है जिसके चलते सुधारात्मक उपाय ढूंढने में देरी हुई।

सामग्री और घटकों जैसी वस्तुओं में गुणवत्ता की कमी के साथ-साथ उत्पाद कारखानों में गुणवत्ता नियंत्रण जांच में चूक के कारण 175 करोड़ रुपये मूल्य के 11 उत्पादों को अस्वीकार कर दिया गया।

बता दें कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और आईआईटी जैसे प्रमुख संस्थानों के सहयोग से आयुध कारखानों द्वारा बड़े पैमाने पर अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) कार्य किए जा रहे हैं। अपनी शुरुआत से ही आयुध कारखानों ने स्वयं को दुनिया के एक सबसे बड़े रक्षा विनिर्माण समूह के रूप में विकसित कर लिया है जिनमें अधिकतर स्वदेशी कलपुर्जे हैं और इसके साथ ही वहां अत्यंत मजबूत तकनीकी तथा अनुसंधान एवं विकास संबंधी बुनियादी ढांचागत सुविधाएं भी हैं, जो वर्तमान में कुल राजस्व में एक अहम योगदान करती है।

स्थिति में सुधार के लिए, रक्षा मंत्रालय ने अप्रैल 2017 में व्यय की परिचालन दक्षता में सुधार के लिए अंतिम उत्पाद कारखानों द्वारा गैर-प्रमुख सामग्रियों और घटकों की आउटसोसिर्ंग की नीति अपनाई।

हालांकि, नीति का कार्यान्वयन 2018-19 के नियोजित लक्ष्य से बहुत पीछे है।

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है, "इसके अलावा, गैर-प्रमुख वस्तुओं की निष्क्रिय क्षमता (जनशक्ति और मशीनरी) का वैकल्पिक लाभकारी उपयोग अभी भी (जनवरी 2021) चयनित सामग्री और घटक कारखानों में पूरा किया जाना है।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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