इसरो ने अनुमोदित 17,631.27 करोड़ रुपये में से फरवरी तक 6,853.37 करोड़ रुपये खर्च किये

Last Updated 06 Apr 2022 06:20:28 PM IST

केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में यह जानकारी दी कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो को उपग्रहों और रॉकेट प्रक्षेपण के लिये 17,631.27 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे, जिसमें से उसने फरवरी तक 6,853.37 करोड़ रुपये खर्च किये।


भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो

कांग्रेस सांसद टी एन प्रथपन के सवाल का जवाब देते हुये प्रधानमंत्री कार्यालय में केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने पूरा ब्योरा दिया कि इसरो को किस परियोजना के मद में कितनी राशि आवंटित की गई और उसने उसमें से कितनी राशि खर्च की।

उन्होंने बताया कि इसरो को 30 पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) के लिये 6,131 करोड़ रुपये अनुमोदित किये गये, जिसमें से फरवरी 2022 तक 1,092.32 करोड़ रुपये खर्च हुये।

इसरो को तीन छोटे उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (एसएसएलवी) के लिये 169.06 करोड़ रुपये आवंटित किये गये, जिसमें से 145.82 करोड़ रुपये खर्च हुये।

अंतरिक्ष एजेंसी को 10 जीएसएलवी एमके3 रॉकेट के लिये 4,338.20 करोड़ रुपये आवंटित किये गये, जिसमें 730.12 करोड़ रुपये खर्च हुये।

दो ओसनसैट-3 और 3ए के लिये 797.12 करोड़ रुपये आवंटित किये गये, जिसमें से 471.98 करोड़ रुपये खर्च किये गये।

पांच नैविगेशन सैटेलाइट आईआरएनएसएस 1जे-1एन के लिये 964.68 करोड़ रुपये में से 403.02 करोड़ रुपये खर्च किये गये।

तीन जीसैट 22/23/24 के लिये आवंटित 865.75 करोड़ रुपये में से 483.88 करोड़ रुपये खर्च हुये।

जितेंद्र सिंह ने सदन को बताया कि इसरो इस साल एक नैविगेशन सैटेलाइट, एक अर्थ ऑब्र्जवेशन सैटेलाइट और एक संचार उपग्रह लॉन्च करेगा।

आईएएनएस
चेन्नई


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