हैदराबाद: पीएम मोदी ने ICRISAT की 50वीं वर्षगांठ का किया शुभारंभ, कहा- डिजिटल कृषि हमारा भविष्य

Last Updated 05 Feb 2022 04:36:15 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के दौरे पर हैं। पीएम ने पाटनचेरु में आईसीआरआईएसएटी परिसर पहुंचे। यहां आईसीआरआईएसएटी की 50 वीं वर्षगांठ समारोह का शुभारम्भ किया।


मोदी ने ICRISAT की 50वीं वर्षगांठ का किया शुभारंभ, कहा...

प्रधानमंत्री ने राजधानी स्थित पाटनचेरु में अर्द्ध उष्ण कटिबंधीय के लिये अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान (आईसीआरआईएसएटी) परिसर का दौरा कर संस्थान की 50वीं वर्षगांठ समारोह की शुरुआत के मौके पर यह बात कही।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का विशेष ध्यान देश के उन 80 प्रतिशत से अधिक छोटे किसानों पर है और वह उन्हें हजारों कृषि उत्पादक संगठनों (एफपीओ) में संगठित करके एक जागरूक और बाजार की बड़ी ताकत बनाना चाहती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से देश के किसानों को बचाने के लिए सरकार का ध्यान बुनियाद की ओर लौटने और भविष्य की ओर बढ़ने के मिश्रण पर है।

उन्होंने कहा कि ‘‘प्रो प्लेनेट पीपुल’’ एक ऐसा आंदोलन है, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हर व्यक्ति व समुदाय को जलवायु के प्रति जिम्मेदारी से जोड़ता है।

उन्होने कहा, ‘‘ये सिर्फ बातों तक सीमित नहीं है बल्कि भारत सरकार के कामों में भी प्रदर्शित होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बदलते हुए भारत का एक महत्वपूर्ण पक्ष है डिजिटल एग्रीकल्चर। यह हमारा भविष्य है और इसमें भारत के प्रतिभावान युवा बहुत बेहतरीन काम कर सकते हैं। डिजिटल प्रौद्योगिकी से कैसे हम किसान को सशक्त कर सकते हैं, इसके लिए भारत में प्रयास निरंतर बढ़ रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार के आम बजट में प्राकृतिक खेती और ‘‘डिजिटल एग्रीकल्चर’’ पर अभूतपूर्व बल दिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ हम मोटे अनाज का दायरा बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं, रसायन मुक्त खेती पर बल दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ सोलर पंप से लेकर किसान ड्रोन तक आधुनिक प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित कर रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जल संचयन के माध्यम से नदियों को जोड़कर एक बड़े क्षेत्र को सिंचाई के दायरे में लाने और कम सिंचित क्षेत्रों में जल के इस्तेमाल की दक्षता बढ़ाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई पर जोर देने की दोहरी रणनीति पर काम कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत में हम एफपीओ और एग्रीकल्चर वैल्यू चेन के निर्माण पर भी बहुत फोकस कर रहे हैं। देश के छोटे किसानों को हज़ारों एफपीओ में संगठित करके हम उन्हें एक जागरूक और बड़ी मार्केट फोर्स बनाना चाहते हैं।’’

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने पौधा संरक्षण पर आईसीआरआईएसएटी के जलवायु परिवर्तन अनुसंधान केंद्र और आईसीआरआईएसएटी की रैपिड जनरेशन एडवांसमेंट केंद्र का भी उद्घाटन किया।

उन्होंने आईसीआरआईएसएटी के विशेष रूप से डिजाइन किए गए प्रतीक चिह्न का भी अनावरण किया और इस अवसर पर एक विशेष डाक टिकट भी जारी करेंगे।

आईसीआरआईएसएटी एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में विकास के लिए कृषि के क्षेत्र में अनुसंधान करता है।

कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी और तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन सहित कई गणमान्य हस्तियां उपस्थित थीं।

भाषा
हैदराबाद


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