बजट सत्र: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित किया, बोले- कोरोना महामारी के दौरान भारत में कोई भूखा नहीं सोया
बजट से पहले अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोरोना के दौरान सरकार के द्वारा किए गए कार्य का उल्लेख एवं प्रशंसा की।
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उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई आपदा में भारत में कोई भूखा नहीं सोया। कोरोना सरकार ने करोड़ों देशवासियों के लिए निशुल्क खाद्यान्न की व्यवस्था की। राष्ट्रपति ने नई शिक्षा नीति, इंफ्रास्ट्रक्च र, कृषि विकास, स्टार्ट अप और नई टेक्नोलॉजी के साथ-साथ भारत की प्राचीन संस्कृति का महत्व भी रेखांकित किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना के महासंकट में हमने कई बड़े-बड़े देशों में भूख की समस्या देखी है लेकिन हमारी संवेदनशील सरकार इस बात का पूरा प्रयास किया कि इस बड़े संकट में कोई गरीब भूखा न रहे। सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत सभी गरीबों को सरकार मुफ्त राशन दे रही है। 2,60000 करोड रुपए के खर्च के साथ करोड़ों लाभार्थियों को मुफ्त अनाज प्रदान करने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। हमारी सरकार ने इस योजना को अब मार्च 2022 तक बढ़ा दिया है।
राष्ट्रपति ने नई शिक्षा नीति का विस्तृत उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को आकार देने के लिए सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से स्थानीय भाषाओं को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्नातक पाठ्यक्रमों की महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाएं भारतीय भाषाओं में भी आयोजित करने पर जोर दिया जा रहा है। इंजीनियरिंग कॉलेजों में 6 भारतीय भाषाओं में पढ़ाई शुरू हो गई है।
आईटीआई और प्रधान मंत्री कौशल केंद्र के जरिए पूरे देश में सवा दो करोड़ से अधिक युवाओं का कौशल विकास किया जा रहा है। यूजीसी के नियम में कई बदलाव किए गए हैं। कोरोना से लड़ाई के लिए हेल्थ सेक्टर से जुड़े छह विशेष शिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। इससे हेल्थ केयर सेंटर को मदद मिल रही है। जनजातीय युवाओं की शिक्षा के लिए आदिवासी बहुल एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूल को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह स्कूल करीब 3.30 लाख जनजातीय युवाओं को शैक्षणिक तौर पर सशक्त बनाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि हाल के वर्षों में पद्म पुरस्कारों के चयन में भारत सरकार की भावना दिखाई पड़ती है।
एक योजना के तहत अभी तक 28 लाख रेहड़ी पटरी वालों को सहायता दी जा चुकी है। श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने एक नया पोर्टल भी शुरू किया है जिससे अभी तक 23 करोड़ से अधिक श्रमिक जुड़ चुके हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि हम लगातार देख रहे हैं 44 करोड़ से अधिक देशवासियों के बैंकिंग सिस्टम से जुड़ने के कारण महामारी के दौरान करोड़ों लाभार्थियों को भी कैश पहुंचाया जा सका। राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटल इक्नॉमी और डिजिटल इंडिया के बढ़ते प्रसार और यूपीआई के बढ़ते चलन के लिए भी मैं सरकार की प्रशंसा करूंगा।
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार गरीब की गरिमा बढ़ाने को महत्वपूर्ण मानती है। प्रधानमंत्री आवास योजना में अब तक 2 करोड़ से अधिक घर गरीबों को मिल चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत विगत 3 वर्षों में करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए की लागत से 17,000000 घर स्वीकृत किए गए हैं। हर घर जल पहुंचाने के उद्देश्य शुरू किए गए जल जीवन मिशन में लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाना शुरू कर दिया है।
महामारी की बाधाओं के बावजूद करीब 6 करोड़ ग्रामीणों को पेयजल कनेक्शन से जोड़ा गया है।
इसका बहुत बड़ा लाभ हमारे गांव की महिलाओं बेटियों और बहनों को हुआ है।
स्वामित्व योजना भी एक असाधारण प्रयास है इस योजना के तहत 28000 गांव में 40 लाख से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड दिए जा चुके हैं। यह प्रॉपर्टी कार्ड न केवल विवादों को रोकने में सहायक हैं बल्कि गांव के लोगों को बैंकों से ऋण मिलना भी आसान हो रहा है।
भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने संसद के संयुक्त अधिवेशन में अभिभाषण के दौरान भारत की नई शिक्षा नीति और शिक्षा के क्षेत्र में आ रहे सकारात्मक बदलावों की जानकारी दी। राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2014 से पूर्व अल्पसंख्यक वर्ग के लगभग तीन करोड़ विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां दी गई थीं, जबकि मेरी सरकार ने वर्ष 2014 से अब तक ऐसे साढ़े चार करोड़ से अधिक विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां प्रदान की हैं। इससे मुस्लिम बालिकाओं के स्कूल छोड़ने की दर में महत्वपूर्ण कमी दर्ज की गई है तथा उनके प्रवेश में वृद्धि देखी गई है।
राष्ट्रपति ने कहा, देश की बेटियों में सीखने की क्षमता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रावधान किया गया है। यह हर्ष की बात है कि मौजूदा सभी 33 सैनिक स्कूलों ने बालिकाओं को प्रवेश देना शुरू कर दिया है। सरकार ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में भी महिला कैडेट्स के प्रवेश को मंजूरी दी है। महिला कैडेट्स का पहला बैच एनडीए में जून 2022 में प्रवेश करेगा। मेरी सरकार के नीतिगत निर्णय और प्रोत्साहन से, विभिन्न पुलिस बलों में महिला पुलिस-कर्मियों की संख्या में, 2014 के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आत्म-निर्भर भारत के संकल्प व सामर्थ्य को आकार देने के लिए मेरी सरकार, देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से स्थानीय भाषाओं को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्नातक पाठ्यक्रमों की महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाएं भारतीय भाषाओं में भी संचालित करने पर जोर दिया जा रहा है। इस वर्ष 10 राज्यों के 19 इंजीनियरिंग कॉलेजों में 6 भारतीय भाषाओं में पढ़ाई शुरू हो रही है।
स्किल इंडिया मिशन के तहत, आई.टी.आई., जन शिक्षण संस्थान, और प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों के जरिए पूरे देश में सवा दो करोड़ से अधिक युवाओं का कौशल विकास हुआ है। स्किल को उच्च शिक्षा के साथ जोड़ने के लिए यू.जी.सी. के नियमों में कई बदलाव भी किए गये हैं।
कोरोना से लड़ाई के लिए स्किल इंडिया मिशन के तहत हेल्थ केयर से जुड़े 6 विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। इनसे हेल्थ केयर सेक्टर को मदद मिल रही है।
सरकार द्वारा जनजातीय युवाओं की शिक्षा के लिए हर आदिवासी बहुल ब्लॉक तक एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूल के विस्तार का काम किया जा रहा है। ये स्कूल लगभग साढ़े तीन लाख जनजातीय युवाओं को सशक्त बनाएंगे।
सरकार ने तीन तलाक को कानूनन अपराध घोषित कर समाज को इस कुप्रथा से मुक्त करने की शुरूआत की है। मुस्लिम महिलाओं पर, केवल मेहरम के साथ ही हज यात्रा करने जैसे प्रतिबंधों को भी हटाया गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था और देश के किसानों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर काम कर रही है। वैश्विक महामारी के बावजूद साल 2020-21 में हमारे किसानों ने 30 करोड़ टन से अधिक खाद्यान्न और 33 करोड़ टन से अधिक बागवानी उत्पादों की पैदावार की। सरकार ने रेकॉर्ड उत्पादन को ध्यान में रखते हुए रेकॉर्ड सरकारी खरीद की है। रबी की फसल के दौरान 433 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई जिससे लगभग 50 लाख किसानों को सीधा फायदा पहुंचा है। खरीफ की फसल के दौरान रेकॉर्ड लगभग 900 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई जिससे एक करोड़ तीस लाख किसान लाभान्वित हुए।
सरकार के प्रयासों से देश का कृषि निर्यात भी रेकॉर्ड स्तर पर बढ़ा है। वर्ष 2020-21 में कृषि निर्यात में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। यह निर्यात लगभग 3 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है।
हॉर्टिकल्चर और शहद उत्पादन भी किसानों के लिए आमदनी के नए स्रोतों और बाजार तक उनकी बढ़ती पहुँच के महत्वपूर्ण माध्यम हैं। शहद उत्पादन को प्रोत्साहन देने से वर्ष 2020-21 में देश का शहद उत्पादन एक लाख पच्चीस हजार मीट्रिक टन तक पहुँच गया है जोकि 2014-15 की तुलना में करीब 55 प्रतिशत ज्यादा है। 2014-15 की तुलना में शहद की निर्यात मात्रा में भी 102 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है।
किसानों को उनकी फसल के अधिक दाम मिलें, इसके लिए उनके उत्पादों का सही बाजार तक पहुँचना जरूरी होता है। इस दिशा में सरकार ने किसान रेल सेवा शुरू करते हुए किसानों के लिए खुशहाली के नए रास्ते खोलने का काम किया है। कोरोना काल में भारतीय रेल ने सब्जियों, फलों तथा दूध जैसी, जल्दी खराब होने वाली खाद्य सामग्री के परिवहन के लिए, 150 से अधिक मार्गों पर 1900 से ज्यादा किसान रेल चलाईं और करीब 6 लाख मीट्रिक टन कृषि उत्पादों की ढुलाई की। यह इस बात का उदाहरण है कि अगर सोच नई हो तो पुराने संसाधनों से भी नए रास्ते बनाए जा सकते हैं।
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