विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित
राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच मंगलवार को कोई कामकाज नहीं हो सका और अब सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई है।
(फाइल फोटो) |
सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होने के बाद सदन को पहले दोपहर 2 बजे तक के लिए और फिर तीन बजे तक के लिए स्थगित किया गया। इसके बाद सरोगेसी बिल पर चर्चा शुरू होते ही इसे आखिरकार दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन से 12 सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाया और राजद सांसद मनोज झा ने भी मुद्दे को उठाया, लेकिन सभापति ने खारिज कर दिया।
पर्यावरण मंत्री भूपिंदर यादव ने भी एक मुद्दा उठाया कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश दूसरी सीट से बोल रहे हैं। इस दौरान विपक्षी सदस्यों की ओर से की जा रही नारेबाजी के बाद उपाध्यक्ष ने सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया।
विरोध करने वाले निलंबित सांसदों से माफी मांगने की मांग के साथ सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच गतिरोध कायम रहा। माफी मांगने की बात को विपक्ष ने अस्वीकार कर दिया गया और इसने जोर देकर कहा कि उनकी गलती नहीं है।
खड़गे ने कहा, "सांसदों का निलंबन संविधान के खिलाफ है क्योंकि यह घटना पिछले सत्र की है और शीतकालीन सत्र में उन्हें निलंबित करना गलत है।"
इससे पहले, शरद पवार सहित विपक्षी नेता विरोध करने वाले सांसदों के साथ शामिल हुए और खड़गे ने कहा कि विपक्ष सांसदों के साथ है और वे एक दिन का उपवास रखेंगे।
खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और अन्य विपक्षी सांसदों ने संसद भवन में गांधी प्रतिमा के सामने निलंबित सांसदों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया।
निलंबित सांसदों में कांग्रेस के सैयद नसीर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा और राजमणि पटेल शामिल हैं। इसके अलावा इनमें शिवसेना नेता प्रियंका चतुवेर्दी और अनिल देसाई; सीपीआई-एम के एलाराम करीम, सीपीआई के बिनॉय विश्वम और तृणमूल कांग्रेस के डोला सेन और शांता छेत्री भी शामिल हैं।
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