जिमखाना ने किया पीएम आवास की सुरक्षा से खिलवाड़ !

Last Updated 18 Nov 2021 01:55:55 AM IST

जिमखाना क्लब के प्रशासक ने प्रधानमंत्री आवास की सुरक्षा खतरे में डाल दी! उन्होंने प्रधानमंत्री आवास से सटे क्लब के उस हिस्से में पार्टी वेन्यू का निर्माण कार्य शुरू करा दिया, जहां किसी भी तरह का निर्माण प्रतिबंधित है।


जिमखाना ने किया पीएम आवास की सुरक्षा से खिलवाड़ !

हरकत में आई सुरक्षा एजेंसी की नाराजगी और फटकार के बाद निर्माण कार्य बंद हो गया। मगर इस पूरी कवायद में जिमखाना क्लब को लाखों रुपये का नुकसान हो गया। निर्माण के लिए वहां मौजूद ऑर्गेनिक फार्म और नर्सरी को उजाड़ दिया गया था। इस दौरान नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के उस आदेश की भी धज्जियां उड़ा दी गईं जिसमे किसी भी नए निर्माण पर रोक लगाई गई थी।
एनसीएलएटी ने जिमखाना का प्रबंधन सरकार के हाथ में सौंपते हुए अगले आदेश तक क्लब में किसी तरह का निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया था। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि क्लब और प्रधानमंत्री आवास के बीच केवल चारदीवारी है और इसके एक सौ मीटर के दायरे में किसी भी तरह का निर्माण नहीं हो सकता, लेकिन प्रशासक ने प्रतिबंधित क्षेत्र में ही निर्माण शुरू करा दिया। जिसके लिए वहां जेसीबी जैसी बड़ी मशीनों का भी उपयोग शुरू कर दिया गया, जबकि इससे प्रधानमंत्री आवास की सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता था।

पार्टी वेन्यू के निर्माण के लिए उन्होंने चार वर्ष पुराने ऑर्गेनिक फार्म और क्लब नर्सरी को भी उजाड़ दिया। इसके निर्माण पर करीब 45 लाख रुपये खर्च हुए थे। यहां बने ग्रीन हाउस से क्लब के सदस्य और कर्मचारी ऑर्गेनिक सब्जियां खरीदते थे। जिससे क्लब को सालाना लाखों रुपये की आय भी होती थी। प्रशासक ने इसकी भी परवाह नहीं की। नए पार्टी वेन्यू के निर्माण पर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं कि क्लब में पहले से ही पांच पार्टी वेन्यू मौजूद हैं। इतना ही नहीं, एनसीएलटी में एमसीए ने यह आरोप भी लगाया था कि क्लब कल्याणकारी और खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के बजाए केवल पार्टीबाजी का अड्डा बन गया है।
बहरहाल प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुडी एजेंसियां जिमखाना प्रशासक के इस कारनामे पर बेहद नाराज हो गई। बीते सप्ताह बिना अनुमति इस तरह निर्माण कराने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए क्लब को सख्त फटकार भी लगाई गई। जिसके बाद निर्माण कार्य बंद कर दिया गया है। प्रशासक ओम पाठक के विवादित फैसले से क्लब के सदस्यों में भी तीखी नाराजगी नजर आ रही है। चार साल पहले आर्गेनिक फार्म बनवाने वाले ब्रिगेडियर पीएस बेदी कहते हैं कि जिस समय यहां निर्माण कराया गया था तब प्रधानमंत्री आवास के कारण एसपीजी के कहने पर कई बदलाव किए गए थे, लेकिन वर्तमान प्रशासक ने जिस तरह जानकारी के बावजूद प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण कराने के लिए आर्गेनिक फार्म और नर्सरी को उजाड़ा, वह तुगलकी तरीका है। यह बेहद शर्मनाक है। इस बारे में प्रशासक ओम पाठक से संपर्क कर पूछा गया कि उन्होंने एनसीएएलटी के आदेश के बावजूद निर्माण क्यों कराया और क्लब के करीब 80 लाख रुपये के नुकसान की जिम्मेदारी किसकी है? उन्होंने प्रतिबंधित और संवेदनशील क्षेत्र में निर्माण क्यों कराया? लेकिन उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।

सुबोध जैन/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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