कश्मीर मुठभेड़ में 'नागरिकों' की मौत के खिलाफ महबूबा का प्रदर्शन
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को हैदरपोरा मुठभेड़ में नागरिकों की कथित हत्या के विरोध में प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
![]() महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो) |
महबूबा ने कहा, "सरकार क्रूर है, जिसने हत्या करने के बाद शव भी वापस नहीं दिए।" उन्होंने कहा कि इससे इस क्षेत्र में स्थिति और खराब हो जाएगी, जो पहले ही एक राज्य से एक केंद्र शासित प्रदेश में बदल चुका है।
उन्होंने कहा, "आतंकवाद से निपटने के बहाने आम नागरिक मारे जा रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि यह ज्ञात नहीं है कि हैदरपोरा मुठभेड़ में कोई आतंकवादी मारा गया या नहीं, लेकिन मारे गए तीन नागरिकों के परिवारों का कहना है कि वे निर्दोष थे।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने आगे कहा, "उनके परिवार के सदस्य उनके पार्थिव शरीर वापस चाहते हैं।"
"हम सरकार से पूछ रहे हैं कि आप आखिर कितनी क्रूरता करेंगे। कश्मीरी पाकिस्तान के साथ नहीं गए, जब उसने 1947 में कश्मीर में बंदूकधारियों को भेजा था। तब कश्मीरियों ने इसे खारिज कर दिया था। आज भी कश्मीरियों को बंदूकों से नहीं दबाया जा सकता है। कश्मीरी आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।"
बता दें कि श्रीनगर के हैदरपोरा में सोमवार को हुए मुठभेड़ में मारे गए अल्ताफ अहमद और मुदस्सिर गुल के परिवार वालों ने बुधवार को यहां प्रेस कॉलोनी में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने दावा किया कि अल्ताफ अहमद और मुदस्सिर गुल की उग्रवाद में कोई संलिप्तता नहीं थी और उन्होंने दोनों के शवों को सौंपने की मांग की।
अहमद के भाई से पूछा कि "आईजी कह रहे हैं कि मेरा भाई एक निर्दोष नागरिक था। उन्होंने उसकी हत्या पर खेद जताया, लेकिन आप उसका शव क्यों नहीं लौटा रहे हैं?"
उन्होंने कहा, "सभी कश्मीरी लोग सड़कों पर आएंगे। मैं वादा करता हूं कि जब तक मुझे मेरे भाई का शव नहीं मिल जाता, हम चुप नहीं रहेंगे।"
पुलिस ने कहा कि हैदरपोरा में मुठभेड़ में चार लोग मारे गए, जिसमें हैदर और उसके साथी के रूप में पहचाना गया एक विदेशी आतंकवादी शामिल है।
पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि मुठभेड़ के दौरान आतंकवादियों का एक ओवर ग्राउंड वर्कर मुदस्सिर गुल और घर का मालिक अल्ताफ अहमद मारा गया।
उन्होंने बताया कि गोलीबारी में मकान मालिक की मौत हो गई, जबकि मकान में किराए पर रहने वाले गुल ने हैदर और उसके सहयोगी को आश्रय दिया था।
उधर, मुदस्सिर गुल की पत्नी हुमैरा मुदस्सिर ने कहा, "वह एक वरिष्ठ दंत चिकित्सक थे और अपना काम कर रहे थे। वह कुछ भी अवैध नहीं कर रहे थे।"
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