सुरक्षा एजेंसियों से बचने को आतंकियों ने बदला तरीका
सुरक्षा बलों की मार से पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी घबरा गए हैं, लिहाजा सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए आतंकियों ने पुराने पैटर्न पर फिर से काम शुरू किया है। फिलहाल इससे आतंकियों को फायदा भी हो रहा है।
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हाल ही में बदले माहौल के बाद केंद्र सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी कश्मीर में हैं। खासतौर पर एक स्पेशल टेक्निकल टीम भी कश्मीर में है, जो लगातार आतंकियों के इलेक्ट्रोनिक फुट प्रिंट तलाशने में लगी है। इसके लिए बड़ी संख्या में फोन सर्विलांस भी किए जा रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के करीब 5 वरिष्ठ अधिकारियों की टीम कश्मीर में है जिसने दो अफसर आईबी के, 2 रॉ और 1 एनआईए के हैं। खुफिया सूत्रों के अनुसार इंटेलिजेंस टीम को लगातार यें भी इनपुट मिल रहे हैं कि आतंकी अब आपस में बातचीत के लिए पर्सनल मेल बॉक्स यानी चिट और चिट्ठियों का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं।
खुफिया सूत्रों के अनुसार यानी आतंकी फोन और सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल कम करके पुराने तरीकों का इस्तेमाल ज्यादा किया जा रहा है। इसके लिए सबसे ज्यादा मदद ओवर ग्राउंड वर्कर की ली गई है जो हथियारोंके साथ साथ मैसेज पहुंचाने के लिए युवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं।
खुफिया विभाग का मानना है कि हालांकि ये तरीका बेहद पुराना है लेकिन इस चैन को पता करने में समय ज्यादा लगता है। हाल ही में कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने भारी तादाद में जिन लोगों को पूछताछ के लिए उठाया है, दरसल वो इसी काम के लिए इस्तेमाल हो रहे थे।
वहीं दूसरी ओर आईएसआई के इशारे पर कश्मीर में दहशत और भय का माहौल पैदा करने के लिए कश्मीर में ईद से पहले आतंकी कुछ बड़ा करने की फिराक में हैं। सुरक्षा एंजसियों ने अंदेशा जताया है कि आतंकी ईद से पहले किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देकर कश्मीर में अशांति फैलाना चाहते हैं जिसमें उनका टार्गेट धार्मिंक स्थल जैसे मंदिर और गुरु द्वारा हो सकते हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक आतंकी ऐसा करके कश्मीर में वो ही माहौल बनना चाहते हैं जो कि बुहरान के एनकाउंटर के बाद बना था।
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