जिनको कोरोना हो चुका है, उन्हें टीके की जरूरत नहीं

Last Updated 11 Jun 2021 09:45:23 AM IST

जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों के एक समूह ने कहा है कि बड़े पैमाने पर, अंधाधुंध और अपूर्ण टीकाकरण कोरोना वायरस के उत्परिवर्तित स्वरूपों के उभार की वजह बन सकता है। उन्होंने सुझाव दिया है कि जो लोग कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, उनके टीकाकरण की कोई आवश्यकता नहीं है।


जिनको कोरोना हो चुका है, उन्हें टीके की जरूरत नहीं

इस समूह में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टर कोविड-19 संबंधी राष्ट्रीय कार्यबल के सदस्य भी शामिल हैं। समूह ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि बड़े पैमाने पर लोगों के टीकाकरण की जगह केवल उन लोगों का टीकाकरण किया जाना चाहिए जो संवेदनशील और जोखिम श्रेणी में शामिल हैं। इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन, इंडियन एसोसिएशन ऑफ एपिडमोलॉजिस्ट्स और इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रीवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन के विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘देश में महामारी की मौजूदा स्थिति मांग करती है कि इस चरण में सभी आयु समूहों के लिए टीकाकरण को खोलने की जगह हमें महामारी संबंधी आंकड़ों से खुद को निर्देशित करना चाहिए।’ रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी गई है।

इसमें यह रेखांकित किया गया है कि कम उम्र के वयस्कों और बच्चों का टीकाकरण साक्ष्य समर्थित नहीं है और यह किफायती नहीं होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि अनियोजित टीकाकरण से वायरस के उत्परिवर्तित स्वरूपों को बढावा मिल सकता है।
 

भाषा
नई दिल्ली


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