मोदी के फोन कॉल के इंतजार में हैं आंदोलनकारी किसान: कांग्रेस

Last Updated 06 Mar 2021 02:44:26 PM IST

कांग्रेस ने कहा है कृषि कानून देश में बड़ा आंदोलन बन कर उभर रहा है और किसान सौ दिनों से इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनके प्रति असंवेदनशील बनी हुई है।


(फाइल फोटो)

कांग्रेस ने शनिवार को सरकार पर अन्नदाताओं के साथ ‘अत्याचार करने’ का आरोप लगाया और दावा किया कि सरकार इस आंदोलन को सार्वजनिक विमर्श से गायब करने के लिए तरह-तरह के हथकंड़ों एवं षडयंत्र का सहारा ले रही है।

मुख्य विपक्षी पार्टी ने देश के मध्यम वर्ग सहित समाज के विभिन्न तबकों से किसानों का समर्थन करने की अपील भी की और यह मांग फिर उठाई कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए तथा इसके बाद किसान संगठनों से बातचीत कर नए कानूनों की पहल की जानी चाहिए।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘देश की सीमा पर जान बिछाते हैं जिनके बेटे, उनके लिए कीलें बिछाई हैं दिल्ली की सीमा पर। अन्नदाता मांगे अधिकार, सरकार करे अत्याचार!’’

पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसानों के आंदोलन के 100 दिन हो गए। इन 100 दिनों में 250 से अधिक लोगों की मौत हुई। इस दौरान किसानों को अपमानित किया गया, लेकिन बड़ी संख्या में किसान अब भी बैठे हुए हैं। वे सरकार के उस फोन कॉल की प्रतीक्षा कर रहे हैं जिसका वादा प्रधानमंत्री ने किया था।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘आंदोलन दिन प्रतिदिन बढ रहा है, लेकिन खबरों से गायब है। विमर्श के इस आंदोलन को गायब करने के लिए सरकार कई हथकंडे अपना रही है और षडयंत्र कर रही है।’’

खेड़ा ने कहा, ‘‘किसानों का समर्थन हमें इसलिए भी करना चाहिए क्योंकि वे उस काम को कर रहे हैं जो हम अपनी जिंदगी की आपा-धापी में नहीं कर पा रहे हैं। किसानों ने मध्यम वर्ग और सभी वर्ग के संघर्ष को सड़कों पर ला दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘किसानों को सरकार से उम्मीद नहीं है, लेकिन देश से उम्मीद है। अगर लोग मौन समर्थन भी देंगे तो देश का बहुत भला होगा।’’

उल्लेखनीय है कि पिछले 100 दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर कई किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून बनाने की है।

दूसरी तरफ, सरकार ने तीनों कानूनों को कृषि सुधारों की दिशा में बड़ा कदम करार देते हुए कहा है कि इससे किसानों को लाभ होगा और अपनी उपज बेचने के लिए उनके पास कई विकल्प होंगे।

भाषा
नयी दिल्ली


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