चीन से गतिरोध पर भ्रम फैला रहे हैं रक्षामंत्री : कांग्रेस

Last Updated 12 Feb 2021 03:30:40 AM IST

कांग्रेस ने चीन के साथ सीमा पर गतिरोध को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संसद में दिए वक्तव्य के बाद बृहस्पतिवार को सरकार पर देश की सुरक्षा एवं भूभागीय अखंडता के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया और दावा किया कि रक्षा मंत्री ने सिर्फ देश को बरगलाने और भ्रम फैलाने का काम किया है।


पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील क्षेत्र में बृहस्पतिवार को भारतीय और चीनी सेना।

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सवाल किया कि सरकार जवानों के बलिदान का अपमान क्यों कर रही है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘पूर्व की यथास्थिति बरकरार नहीं रहने का मतलब कोई शांति नहीं। भारत सरकार हमारे जवानों के बलिदान का अपमान क्यों कर रही है और अपना क्षेत्र जाने को क्यों दे रही है?’
 कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया, ‘56 इंची प्रधानमंत्री और उनकी सरकार, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ व भारत की ‘भूभागीय अखंडता’ से षड्यंत्रकारी खिलवाड़ कर रहे हैं। पूर्वी लद्दाख में चीनी घुसपैठ को लेकर संसद में आज दिए गए रक्षामंत्री के बयान से यह साबित हो जाता है।’

उन्होंने कहा, ‘(प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी ने न तो ‘चीन’ शब्द का इस्तेमाल किया और न ही डेपसांग प्लेंस, गोगरा हॉट स्प्रिंग सेक्टर, पैंगोंग सो लेक एरिया और चुमुर, दक्षिणी लद्दाख से चीनी घुसपैठ को खदेड़ने के बारे में कोई नीति या समय सीमा निर्धारित की। यही नहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उल्टा भ्रम फैला रहे हैं और बरगला रहे हैं।’ सुरजेवाला के मुताबिक, रक्षा मंत्री को बताना चाहिए कि कब तक उपरोक्त इलाकों पर चीनी सेना का अतिक्रमण और घुसपैठ खत्म कर दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार और रक्षा मंत्री देश को यह नहीं बता रहे कि कब तक अप्रैल, 2020 से पहले की यथास्थिति की बहाली हो जाएगी।’
कांग्रेस महासचिव ने सवाल किया, ‘क्या प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री, भारत की भूभागीय अखंडता की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी की संपूर्ण विफलता का कारण बताएंगे? क्या मोदी सरकार जवाब देगी कि वो केवल पैंगोंग सो लेक इलाके से ही ‘डिसइंगेज़मेंट’ का समझौता क्यों कर रही है और वो भी भारत के हितों पर कुठाराघात करके तथा भारत के हितों के विरुद्ध एलएसी की रूपरेखा को बदलकर?’ उन्होंने कहा कि दशकों से पैंगोंग झील वाले इलाके के उत्तरी किनारे पर भारत का ¨फगर 4 तक कब्जा है व भारतीय सेना ¨फगर 8 तक पैट्रोलिंग करती आई है। भारत ने सदैव ¨फगर 8 को भारत और चीन के बीच एलएसी माना है।

 

भाषा
नई दिल्ली


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