लव जिहाद पर बने कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
लव जिहाद के नाम पर धर्मान्तरण पर नकेल कसने के कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट |
याचिका में कहा गया है कि उत्तर-प्रदेश व उत्तराखंड सरकार द्वारा पारित कानून संविधान के बुनियादी ढांचे के खिलाफ हैं।
दिल्ली में वकालत करने वाले तीन वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि उत्तर-प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 और उत्तराखंड धार्मिक आजादी अधिनियम, 2018 को अवैध घोषित किया जाए। याचिका में कहा गया है कि यूपी और उत्तराखंड सरकार द्वारा पारित कानून विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के प्रावधानों के विपरीत हैं। अध्यादेश के जरिए लागू किए गए कानून के तहत समाज के अराजक तत्वों के यह अधिकार दे दिया गया है कि वह निदरेष लोगों को फर्जी केस में फंसाए।
इससे जनसामान्य को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा और समाज में अराजकता फैल जाएगी। याचिका के अनुसार अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करना नागरिक का मौलिक अधिकार है।
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