आठ मुद्दों पर दिया संशोधन का प्रस्ताव लेकिन किसान कानून रद्द कराने पर अड़े, अगले दौर की वार्ता 5 दिसंबर को

Last Updated 03 Dec 2020 11:02:17 PM IST

सरकार चौथी बैठक में भी किसानों को अपने कृषि कानून नहीं समझा पाई। आंदोलन खत्म कराने के लिए 5 दिसम्बर की बैठक में वह कुछ और लुभावने प्रस्ताव किसानों को देगी।


नई दिल्ली व यूपी बार्डर पर प्रदर्शनकारियों को रोकते सुरक्षाबल के जवान।

अब तक कृषि कानूनों पर टस से मस नहीं होने वाली सरकार किसानों के दबाव बढ़ाने से उनमें कई संशोधनों के लिए तैयार हो गई है।

सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने 40 किसान नेताओं से बात की। बैठक में इस बार 9 किसान नेता पंजाब से बाहर दूसरे राज्यों के थे। जहां कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आश्वस्त हैं कि अगली बैठक में किसानों को संतुष्ट कर लिया जाएगा, वहीं किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने कहा कि उम्मीद है कि अगली बैठक में सरकार से कानूनों को खराब भी कहलवा लेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि सरकार ने कृषि कानूनों में आठ मुद्दों पर संशोधन का प्रस्ताव दिया, जिसे किसानों ने यह कहकर खारिज कर दिया कि उनकी मांग कानून रद्द करने की है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक में एमएसपी को भविष्य में भी नहीं छुए जाने का आश्वासन भी दिया लेकिन किसान नेताओं ने कहा कि उन्हें यह भरोसा अलग कानून में चाहिए।

सरकार को किसानों की ताकत का अहसास हो गया : बलवीर
किसान नेता बलवीर सिंह राजोवाल ने कहा कि सरकार ने वार्ता चलने पर आंदोलन स्थगित करने को कहा था, जिसके लिए उसे मना कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आंदोलन के जो कार्यक्रम तय हो गए हैं, वे जारी रहेंगे। किसान नेता जगमोहन सिंह पटियाला ने कहा कि सरकार ने बहुत आश्वासन दिए हैं, उसका रुख भी पहले से नरम है लेकिन ठोस कुछ होने तक उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। वहीं, कुलवंत सिंह संधू ने कहा कि सरकार को समझ में आ गया है कि किसानों को दबाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि इस बार मंत्रियों और अधिकारियों ने कृषि कानूनों के लिए क्रांतिकारी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया।

कारोबारियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों की सभी समस्याओं का समाधान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि कृषि कानून में सिविल कोर्ट जाने देने की मांग पर सरकार गौर करेगी। कृषि मंत्री ने कहा कि फसल खरीदने वाले कारोबारियों का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य किया जाएगा। पहले केवल पैन कार्ड ही काफी था। उन्होंने कहा कि मंडी को सरकार मजबूत बनाएगी और सरकारी और प्राइवेट मंडियों में टैक्स एक समान रखेगी। अभी नए कानून में प्राइवेट मंडियों में कोई शुल्क या टैक्स नहीं रखा है। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की पराली और बिजली कानून पर भी जो समस्या है, उस पर भी सरकार चर्चा करने को तैयार है।

उप्र को जोड़ने वाले मार्ग बंद
पुलिस ने किसानों के आंदोलन को देखते हुए उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाले दो राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ने वाले रास्तों को बृहस्पतिवार को बंद कर दिया। किसानों नेइस बारे में  बुधवार को धमकी दी थी।

सहारा न्यूज ब्यूरो/अजय तिवारी
नई दिल्ली


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