किसानों का प्रदर्शन: 2 लाख और किसान पहुंचेंगे दिल्ली

Last Updated 28 Nov 2020 11:40:44 AM IST

केन्द्र सरकार के कृषि बिलों का विरोध कर रहे पंजाब के 31 सबसे बड़े कृषि संगठनों के लोग गाड़ियों से दिल्ली की ओर निकले हैं। गाड़ियों का यह काफिला 40 किलोमीटर लंबा है। खाने-पीने की चीजों से भरे सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रेलर, बस, कार और मोटरसाइकिलों में ये किसान भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) एकता-उग्रहन के हैं और वे जल्द ही राष्ट्रीय राजधानी पहुंच जाएंगे।


वे पहले से नियोजित किए गए विरोध के लिए दिल्ली के टिकरी और सिंघु सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों में शामिल होंगे। दिल्ली पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को प्रवेश की अनुमति देने के बाद इनके एक बड़े हिस्से को शुक्रवार देर रात बाहरी दिल्ली के बुराड़ी में निरंकारी समागम ग्राउंड तक पहुंचा दिया गया था।

पुलिस के अनुमान के मुताबिक वामपंथी-झुकाव वाले संघ बीकेयू एकता-उग्रहन के युवाओं और महिलाओं समेत सभी प्रदर्शनकारियों की संख्या डेढ़ से दो लाख के बीच हो सकती है। इनमें से ज्यादातर लोग संगरूर, मनसा, बठिंडा और बरनाला जिलों से हैं।

इसके साथ ही किसान संघर्ष समिति से जुड़े लाखों किसानों ने भी अमृतसर शहर से हरियाणा होते हुए दिल्ली की यात्रा शुरू कर दी है। उनके आज दिल्ली पहुंचने की संभावना है। हरियाणा में प्रवेश करने के लिए शुक्रवार को बठिंडा-डबवाली रोड पर विशाल बोल्डर, कांटेदार बाड़ और मिट्टी के टीलों वाली रुकावट को हटाकर आंसू गैस और पानी की तेछ बौछार के साथ बीकेयू प्रदर्शनकारियों ने अपनी यात्रा शुरू की थी।

बाद में हरियाणा पुलिस ने सभी अवरोधों को हटा दिया और किसानों को शांतिपूर्ण ढंग से राज्य को पार करने की अनुमति दी। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्र ने से आग्रह किया कि वे किसानों के साथ सख्ती न बरतें।

किसान संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि अमृतसर, तरनतारन, बटाला और गुरदासपुर जिलों के किसान दिल्ली की ओर जा रहे हैं। किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को खत्म कर देंगे और वे बड़े कॉपोर्रेट संस्थानों की दया पर निर्भर हो जाएंगे।

बीकेयू एकता-उगराहन के युवा स्वयंसेवकों की एक टीम रास्तों को साफ करने काम कर रही है। संगरूर के एक किसान रमनदीप गिल ने बताया, "हमारा काम वाहनों के पूरे बेड़े के लिए सुगम रास्ता बनाने का है। हम शांति से यह काम कर रहे हैं। यदि पुलिस कोई नाकाबंदी करती है तो हमें केवल उसे तोड़ने की अनुमति है। आज ऐसी कोई नाकाबंदी नहीं है।"

यात्रा के दौरान 'लंगर' या सामुदायिक रसोई को विशेष समितियों द्वारा रखा गया है जिसमें महिलाओं और बुजुर्गों को शामिल किया गया है ताकि किसानों की इतनी बड़ी संख्या को भोजन दिया जा सके। किसानों को पंजाब और हरियाणा के ग्रामीणों से हजारों लीटर दूध और फल मिले हैं।

प्रदर्शनकारी राजिंदर कौर ने कहा, "हमारे पास इतना राशन है कि हम दिल्ली में कम से कम दो महीने तक प्रदर्शनकारियों का समर्थन कर सकें।"

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने फिर दोहराया है कि प्रदर्शनकारी किसानों की आवाज "अनिश्चित काल के लिए दबाई" नहीं जा सकती है। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनाहर लाल की किसानों को रोकने की कोशिश की कड़ी निंदा भी की।

उधर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों से आग्रह किया है कि वे अपनी मांगों के लिए केन्द्र से सीधे बातचीत करें। खट्टर ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, "केंद्र सरकार हमेशा बातचीत के लिए तैयार है।"

आईएएनएस
चंडीगढ़


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment