अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की अमित शाह सहित BJP नेताओ ने की निंदा, आपातकाल से की तुलना

Last Updated 04 Nov 2020 10:58:47 AM IST

मुंबई पुलिस ने बुधवार सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्नब गोस्वामी को हिरासत में ले लिया। अर्नब की गिरफ्तारी के बाद से बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस की निंदा की है।


अर्नब गोस्वामी

गृहमंत्री अमित शाह ने अर्णब गोस्वामी की बुधवार को मुंबई में हुई गिरफ्तारी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने घटना की तुलना आपातकाल से करते हुए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया है। गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार पर भी निशाना साधा। गृहमंत्री अमित शाह ने गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार किया। रिपब्लिक टीवी और अर्णब गोस्वामी के खिलाफ राज्य की सत्ता का दुरुपयोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। यह आपातकाल की याद दिलाता है।

गृहमंत्री अमित शाह के अलावा मोदी सरकार के कई अन्य वरिष्ठ मंत्रियों ने भी अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा की है। सभी ने इसे प्रेस की आजादी का दमन और इमरजेंसी जैसी कार्रवाई कहा है। प्रकाश जावड़ेकर ने गोस्वामी को पुलिस हिरासत में लिये जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इसने हमें आपातकाल की याद दिला दी।

जावड़ेकर ने ट्वीट किया, “हम महाराष्ट्र में प्रेस की आजादी पर हमलें की निंदा करते हैं। यह प्रेस के साथ बर्ताव का तरीका नहीं है। इसने हमें आपातकाल की याद दिला दी, उस समय भी प्रेस के साथ ऐसा ही किया गया था।”

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी गंभीर रूप से निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने भी इस घटना की निंदा की है। नड्डा ने ट्वीट कर कहा कि हर वो व्यक्ति जो स्वतंत्र प्रेस और अभिव्यक्ति की आजादी में विश्वास करता है, महाराष्ट्र सरकार द्वार अर्नब गोस्वामी को  उत्पीड़ित किये जाने पर उग्र है। यह सोनिया और राहुल गांधी द्वारा निर्देशित उन लोगों को चुप कराने का एक और उदाहरण है जो उनसे असहमत हैं। शर्मनाक!

भाजपा ने इस मामले में बुधवार दोपहर प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर पूरे घटना पर महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। भाजपा मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस कर राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि इटली माफिया सरकार महाराष्ट्र में प्रेस की आजादी पर हमला कर रही है। महाराष्ट्र में कंधा शिवसेना का है तो गोली कांग्रेस की है। भाजपा ने इसे पत्रकारिता के लिए काला दिन बताया है। भाजपा की तरफ से पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस कर राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, आज सच बोलने पर जो अर्णब गोस्वामी के साथ हुआ वो कल आप के साथ भी हो सकता है। बंद केस को खोल देना, कहां का लोकतंत्र है? जिस भी पत्रकार या आम आदमी ने महाराष्ट्र में सवाल उठाया है, उसके साथ जिस तरह सोनिया सेना की सरकार ने व्यवहार किया गया है, वह धिक्कार के योग्य है। संबित पात्रा ने कहा समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि 2014 से पहले दस वर्षों तक जिस प्रकार की सरकार रही। वह एक इटैलियन कुल की सरकार रही। मुसोलिनी के राइट हैंड रह चुके पिता की पुत्री आज जिस प्रकार भारत वर्ष में माफियाराज स्थापित कर रही है। यह सबके सामने हैं। संबित पात्रा ने इस दौरान महाराष्ट्र में अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले से जुड़े कई केस का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि हम किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं, हर व्यक्ति के लिए आवाज उठा रहे हैं। यह मौलिक अधिकारों पर हमला है।

महाराष्ट्र पुलिस की रायगढ़ यूनिट ने बुधवार की सुबह रिपब्लिक टीवी के मालिक और मुख्य संपादक अर्नब गोस्वामी के घर पर छापा मारा और उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सचिन वैज ने कहा कि गोस्वामी को 2018 के आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है। यह मामला पहले बंद हो गया था, जिसे अब फिर से खोला गया है।

पुलिस टीम ने रिपब्लिक टीवी के प्रमुख को उनके घर में घुसकर गिरफ्तार किया। उनके परिवार ने इसका विरोध किया और उनके साथियों ने इसकी लाइव कवरेज करने की कोशिश की।

चैनल ने इसका जबरदस्त विरोध किया है कि "एक शीर्ष भारतीय न्यूज चैनल के संपादक को 20 से 30 पुलिसकर्मियों ने घर में घुसकर अपराधी की तरह बाल खींचकर उठाया, धमकाया और उन्हें पानी तक नहीं पीने दिया।"

पुलिस वैन से गोस्वामी ने कहा कि उनके साथ मारपीट की गई। उनके बेटे को पीटा गया और उनके ससुराल पक्ष के लोगों के साथ बदसलूकी की गई। उधर उनके सहयोगियों ने इस घटनाक्रम को प्रसारित करते हुए सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों से न्याय की मांग की।

माना जा रहा है कि उन्हें रायगढ़ के अलीबाग ले जाया जाएगा।
 

 

आईएएनएस/ वार्ता
नई दिल्ली


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