नई शिक्षा नीति से इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस का होगा अंतर्राष्ट्रीयकरण: निशंक

Last Updated 27 Oct 2020 05:22:41 PM IST

नई शिक्षा नीति के माध्यम से देश के श्रेष्ठ उच्च शिक्षण संस्थान, शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने का प्रयास करेंगे। इसके लिए इन संस्थानों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैकेल्टी नियुक्त किए जाएंगे। विश्व की विभिन्न रैंकिंग में इन शिक्षण संस्थानों को बेहतर नतीजे हासिल करने होंगे।


केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने देशभर के सरकारी एवं निजी क्षेत्र के इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस की एक बैठक ली। इस बैठक में इन संस्थानों की प्रगति की समीक्षा की गई। सभी संस्थानों को वैश्विक रैंकिंग में बेहतर तरीके से भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए और प्रयास करने को कहा गया। निशंक ने आईएएनएस से कहा, संस्थानों को हमारी शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण पर काम करना चाहिए और एनईपी के ²ष्टिकोण के अनुसार अपने संस्थानों में बहु-विषयक धाराओं को बढ़ावा देना चाहिए। संस्थानों को वैश्विक रैंकिंग में बेहतर तरीके से भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए और प्रयास करने को कहा गया है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा ली गई समीक्षा बैठक में देशभर के 20 प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान शामिल हुए। इनमें से 10 शिक्षण संस्थान सरकारी और 10 निजी क्षेत्र से संबंधित थे।

बैठक के दौरान विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। खासतौर पर अंतर्राष्ट्रीय संकाय की भर्ती में तेजी लाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। इन की प्रगति को क्यूएस विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग और अंतरराष्ट्रीय मानकों के संकेतक के साथ मैप किया जाएगा।

भारतीय इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस संस्थानों के लिए एक प्रोत्साहन तंत्र के तहत उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा ताकि भारतीय इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस संस्थान स्वयं को विश्वस्तर पर स्थापित कर सकें।

एक एकीकृत पोर्टल बनाया जाएगा। जिसमें सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से जुड़े विश्व स्तरीय शोध दस्तावेज होंगे।

निशंक ने कहा कि इस बैठक में अधिकारियों को संस्थानों के ब्रांड निर्माण के लिए एक विस्तृत रणनीति (गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों मापदंडों के साथ) विकसित करने के लिए निर्देशित किया गया है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशें जैसे कि मल्टी एंट्री-एग्जिट, ऑनलाइन डिग्री, मल्टीडिसिप्लिनरी, इंटरनेशनलाइजेशन आदि को इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस की सफलता सुनिश्चित करने के लिए इस्तेमाल में लिया जाएगा।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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