पराली जलाने से रोकने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र व राज्यों को जारी किया नोटिस, मांगा जवाब

Last Updated 28 Sep 2020 04:25:30 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को उस अर्जी पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा जिसमें इस आधार पर पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने पर रोक के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया गया है कि इससे कोविड-19 संबंधी समस्याएं और बढ सकती हैं।


मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने उस अर्जी पर केंद्र को नोटिस जारी किया जिसमें दलील दी गई थी कि पराली जलाये जाने से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण काफी बढ जाएगा जिससे शहर में कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर स्वास्थ्य समस्याएं और बढ सकती हैं।      

अर्जी अधिवक्ता सुधीर मिश्रा की ओर से दायर की गई थी जिन्होंने अदालत से आग्रह किया कि केंद्र सरकार को यह निर्देश दिया जाए कि वह मुद्दे के समाधान के लिए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों के बीच एक बैठक का समन्वय करे।      

सुनवाई के दौरान मिश्रा ने अदालत को बताया कि पराली जलाया जाना पंजाब और हरियाणा में पहले ही शुरू हो चुका है।      

केंद्र ने पीठ को बताया कि संबंधित राज्य सरकारों ने पराली नहीं जलाने या ऐसा करने पर जुर्माने का सामना करने को लेकर निर्देश जारी किये हैं लेकिन इसके बावजूद किसान ऐसा कर रहे हैं।      

अदालत ने मामले को 22 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया और केंद्र सरकार से यह पता लगाने के लिए कहा कि क्या इसी तरह का कोई मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है।      

मिश्रा ने अपनी यह अर्जी 2015 में दायर अपनी मुख्य जनहित याचिका के साथ संलग्न की जिसमें उन्होंने केंद्र को राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश देने का आग्रह किया था। उन्होंने दावा किया है कि वायु प्रदूषण बढने और दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में बढोतरी के बीच सीधा संबंध है।

भाषा
नई दिल्ली


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