राज्यसभा ने सेवानिवृत्त हो रहे 11 सदस्यों को दी विदाई, सभापति ने कहा- आप लोगों की कमी खलेगी

Last Updated 23 Sep 2020 12:52:13 PM IST

राज्यसभा ने नवंबर में अपना कार्यकाल पूरा करने वाले सदस्यों को विदाई दी है और उनके फिर से इस सदन का सदस्य चुने जाने की कामना की है।


सभापति एम वेंकैया नायडू (फाइल फोटो)

राज्यसभा ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, सपा नेता रामगोपाल यादव और कांग्रेस के राज बब्बर सहित अपने 11 सदस्यों की विदाई दी जो इस साल नवंबर में सेवानिवृत्त होंगे।      

सुबह जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने जिक्र किया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 11 सदस्य नवंबर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इन सदस्यों में नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, भाजपा सदस्य नीरज शेखर और अरुण सिंह, सपा के राम गोपाल यादव, रवि प्रकाश वर्मा, जावेद अली खान और चंद्रपाल सिंह यादव, कांग्रेस के राज बब्बर और पी एल पुनिया तथा बसपा के वीर सिंह और राजा राम शामिल हैं।    

उल्लेखनीय है कि बुधवार को संसद के मानसून सत्र का अंतिम दिन है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सत्र एक अक्टूबर तक चलना था। लेकिन कोविड-19 महामारी के मद्देनजर 18 दिन के सत्र की अवधि कम करने का फैसला किया गया है। यह सत्र 14 सितंबर को शुरू हुआ था।    

सभापति एम वेंकैया नायडू ने सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए सदन और विभिन्न संसदीय समितियों में उनके योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कई सदस्य पुन: निर्वाचित होकर वापस आएंगे। नायडू ने कहा कि जो सदस्य वापस नहीं आएंगे, उनकी कमी खलेगी।       

नायडू ने कहा कि ऐसे सदस्यों को आगे के जीवन में यहां मिले अनुभव से मदद मिलेगी। उन्होंने उम्मीद जतायी कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी वे विभिन्न तरीके से लोगों की सेवा करते रहेंगे।      

इस मौके पर नीरज शेखर ने कहा कि यह उनका सौभाग्य था कि वह लोकसभा और राज्यसभा, देनों के सदस्य बने। उन्होंने कहा कि बचपन में वह अपने पिता (पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर) के साथ संसद भवन आया करते थे और जब सत्र नहीं चलता था तो राज्यसभा एवं लोकसभा में खेलते थे। उस दिनों इतनी सुरक्षा नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि वह भी सांसद बनना चाहते थे।      

शेखर ने कहा कि हमार दायित्व होना चाहिए कि हम बच्चों का भविष्य बनाएं। उन्होंने कहा कि उनकी कामना है कि अपना देश स्वच्छ, शिक्षित और शक्तिशाली बने।      

उल्लेखनीय है कि ज्यादातर विपक्षी दलों के सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे। सदन में रविवार को हुए हंगामे को लेकर आठ विपक्षी सदस्यों के निलंबन के विरोध में विपक्ष के कई दलों के सदस्य सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर रहे हैं। 

भाषा
नई दिल्ली


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