राज्यसभा के उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज, हंगामा करने वाले सांसद एक हफ्ते के लिए निलंबित

Last Updated 21 Sep 2020 10:14:05 AM IST

किसान बिल को लेकर राज्यसभा में हंगामा करने वाले विपक्ष के 8 सदस्यों को सभापति वेंकैया नायडू ने एक हफ्ते के लिए सदन से निलंबित कर दिया है।


विपक्ष ने सोमवार को अपने सदस्यों के निलंबन के बाद हंगामा कर महज एक घंटे के भीतर राज्यसभा की कार्यवाही को तीन बार स्थगित करने के लिए मजबूर कर दिया। उच्च सदन को पहले सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। जब कार्यवाही शुरू हुई तो निलंबित हुए विपक्षी सांसदों ने सदन से बाहर जाने से मना कर दिया और नारेबाजी करने लगे जिसके कारण इसे सुबह 10.36 बजे तक के लिए फिर स्थगित कर दिया गया।

हंगामा थमता नहीं देखकर सदन की कार्यवाही को 10.38 बजे आधे घंटे के लिए फिर स्थगित कर दिया गया। अब सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।

चार बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक फिर शुरू होने पर भी सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और राज्यसभा की कार्यवाही कुछ देर बाद ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही आठ सांसदों को निलंबित कर दिया। सभापति नायडु ने शून्यकाल के बाद तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन, रिपुण बोरा, राजीव सत्व, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के केके रागेश और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के इलामारम करीम को चालू सत्र की शेष अवधि के लिए निलम्बित करने की घोषणा की।

नायडु ने कहा कि निलंबित सदस्य सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे और वे सदन से बाहर चले जायें। इसके बावजूद सभी सदस्य सदन में डटे रहे और निलंबन की कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी और हंगामा करने लगे। इसके बाद नौ बजकर चालीस मिनट पर सदन की कार्यवाही दस बजे के लिए स्थगित कर दी गयी। 
 
सदस्यों के निलम्बित करने की घोषणा के फौरन बाद कांग्रेस, आप और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सदन के बीच में आ गये और नारेबाजी करने लगे।

इससे पहले नायडु ने कहा कि कल कृषि सुधार से संबंधित विधेयकों को पारित किये जाने के दौरान कुछ सदस्य सभापति के आसन के निकट पहुंच गये, माइक उखाड़ दिया और कागज फेंके। उपसभापति को गालियां दी और सदन की कार्यवाही में बाधा पहुंचायी।  उन्होंने कल के दिन को राज्यसभा के लिए बहुत बुरा दिन बताते हुए कहा कि इस दौरान कोविड से जुड़ी दूरी का भी सदस्यों ने पालन नहीं किया ।
   
उन्होंने कहा कि आसन के निकट सदस्य नाच रहे थे, चिल्ला रहे थे। समय पर मार्शल नहीं होते तो क्या होता। उन्होंने कहा कि उपाभापति को शारीरिक रुप से सदस्यों ने धमकी दी। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता समेत 46 सदस्यों ने उपसभापति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव दिया है उसे वह नामंजूर करते हैं।
सभापति ने कहा कि सदन में कोई समस्या है तो उस पर वाद विवाद किया जाना चाहिये। सदन की कार्यवाही में बाधा पहुंचाना निन्दनीय है। यह अस्वीकार्य है।
    
उन्होंने कहा कि कल उपसभापति ने कहा था कि कृषि सुधारों से संबंधित विधेयकों पर हंगामा कर रहे सदस्य अपनी सीटों पर जायें तो उसे पारित कराने को लेकर मतदान करायेंगे लेकिन सदस्यों ने ऐसा नहीं किया । सदस्यों ने संसदीय परतम्पाराओं का उललंघन किया। यदि सदस्य नियमों का पालन नहीं करेंगे तो कार्यवाही कैसे होगी।
  
इसके बावजूद निलम्बित सदस्य सदन में उपस्थित रहे और शोरशराबा करते रहै। इसके बाद सदन की कार्यवाही दस बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

वार्ता/आईएएनएस
नयी दिल्ली


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