विधायकों व सांसदों पर दर्ज मुकदमों को दी जाए तरजीह
जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अदालत में चल रहे मुकदमों का जल्द निपटारा करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सुप्रीम कोर्ट |
पूर्व तथा वर्तमान सांसद और विधायकों के खिलाफ चल रहे मुकदमों को जल्द निपटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अदालतों के गठन का आदेश दिया था, लेकिन कई राज्यों में सिर्फ एक या दो कोर्ट होने के कारण ट्रायल में परेशानी हो रही है।
न्याय मित्र विजय हंसारिया ने अपनी रिपोर्ट में कई दिक्कतों का जिक्र किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के अन्य जिले में विशेष अदालत का गठन होने पर गवाहों को खासतौर पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। न्याय मित्र ने सुझाव दिया है कि हर जिले में विशेष अदालत का गठन किया जाए और उसे प्राथमिकता के आधार पर जनप्रतिनिधियों के मामले निपटाने का निर्देश दिया जाए।
वर्तमान विधायक और सांसदों पर दर्ज मुकदमों को तरजीह दी जाए। इसी तरह हत्या तथा अन्य संगीन अपराधों में संलिप्त जनप्रतिनिधियों के मामले जल्द निपटाने के लिए हिदायत दी जाए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केन्द्र सरकार भी इन मामलों के शीघ्र निपटारे के पक्ष में है। इस समय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ 4442 मुकदमे पेंडिंग हैं।
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