निकम्मे कर्मचारी किए जाएंगे समय से पहले रिटायर

Last Updated 31 Aug 2020 12:37:06 AM IST

केंद्र सरकार ने निकम्मे और संदिग्ध आचरण वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को समय पूर्व सेवानिवृत्त करने का फैसला किया है।


निकम्मे कर्मचारी किए जाएंगे समय से पहले रिटायर

कार्मिंक मंत्रालय ने 28 अगस्त को एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया है जिसमें याद दिलाया गया है कि फंडामेंटल रूल 56 (जे)और 56(आई) एवं सीसीएस पेंशन रूल्स 1972 की उपबंध 48 में जबरन सेवानिवृत्त करने का प्रावधान है।
मेमोरेंडम में कहा गया है कि कर्मचारियों के मूलभूत अधिकार को मजबूत किया जा रहा है। अब जबरन सेवानिवृत्ति की जगह प्रीमेच्योर रिटायरमेंट कहा जाएगा और प्रीमेच्योर रिटायरमेंट करना केंद्र सरकार का अधिकार है। लेकिन उसमें भी पहली शर्त है कि संबंधित कर्मचारी या अधिकारी की सेवा अवधि 30 साल या उम्र 50 से 55 साल के बीच होनी चाहिए। दूसरी शर्त है कि उसकी सत्यनिष्ठा संदिग्ध हो। तीसरी शर्त है कि वह नकारा हो। ऐसे लोगों को जबरन सेवानिवृत्त करने के लिए अगर ग्रुप ए ऑफिसर है तो सचिव स्तर की कमेटी होगी।

यदि किसी बोर्ड का कर्मचारी है जैसे कि रेलवे बोर्ड, सीबीडीटी, सीबीईसी आदि तो उसके चेयरमैन एवं अगर ग्रुप बी अधिकारी है तो अतिरिक्त सचिव एवं ग्रुप सी है तो ज्वाइंट सेक्रेट्री की कमेटी संबंधित कर्मचारी, अधिकारी के प्रीमेच्योर रिटायरमेंट के बारे में फैसला लेगी।
ऑफिस मेमोरेंडम में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी कर्मचारी/अधिकारी को पिछले 5 साल में प्रमोशन मिला है तो उसे जबरन या प्रीमेच्योर रिटायर नहीं कर सकते हैं। प्रीमेच्योर रिटायरमेंट के समय उसके पूरे सेवाकाल का लेखाजोखा और एसीआर देखी जाएगी। प्रीमेच्योर सेवानिवृत्त करने के लिए साल में चार बार समीक्षा होगी। एक समीक्षा जनवरी से मार्च। दूसरी अप्रैल से जून। तीसरी जुलाई से सितम्बर और चौथी 14 अक्टूबर से दिसम्बर के बीच होगी।

रोशन/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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