काशी को 'आत्मनिर्भर भारत' की प्रेरक स्थली के रूप में विकसित करें : मोदी

Last Updated 10 Jul 2020 04:23:57 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 महामारी के दौरान जरूरतमंदों की सेवा करने के लिए बृहस्पतिवार को काशीवासियों, अधिकारियों और शहर के सामाजिक, धार्मिक व गैर सरकारी संगठनों की भूमिका की सराहना की और साथ ही उनसे इस महामारी के फैलाव को रोकने के लिए जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का आग्रह किया।


नई दिल्ली : बनारस आधारित एनजीओ के प्रतिनिधियों को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र की विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों से आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद स्थापित किया और वाराणसी को ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के एक बड़े केंद्र के रूप में विकसित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘आने वाले समय में काशी को आत्मनिर्भर भारत अभियान का भी एक बड़ा केंद्र बनते हुए हम सभी देखना चाहते हैं। यह हम सभी की जिम्मेदारी भी है।’ मोदी ने कहा कि सरकार के हाल के फैसलों के बाद यहां की साड़ियां, यहां के दूसरे हस्तशिल्प, यहां के डेयरी, मत्स्य पालन व मधुमक्खी पालन के व्यवसाय के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं किसानों और युवा साथियों से आग्रह करूंगा कि इस प्रकार के व्यवसाय में बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। हम सभी प्रयास करें कि काशी को हम आत्मनिर्भर भारत के प्रेरक स्थली के रूप में विकसित करें।’ उन्होंने कहा कि तमाम व्यस्तताओं के बावजूद कोरोना संकटकाल के दौरान वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सरकारी अधिकारियों और स्थानीय लोगों के संपर्क में लगातार बने रहे और काशी का हाल-चाल लेते रहे।

मोदी ने कहा, ‘इस संकट का काशी ने अभूतपूर्व मुकाबला किया। कितनी भी बड़ी आपदा क्यों न हो, काशी के लोगों की जीवटता का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। जो शहर दुनिया को गति देता हो, उसके सामने कोरोना क्या चीज है, यह आपने दिखा दिया।’ उन्होंने कहा, ‘संकट के दौरान आगे बढ़कर लोगों ने एक दूसरे की मदद की। इस एकजुटता और सामूहिकता ने हमारी काशी को और भव्य बना दिया है। ऐसी मानवीय व्यवस्था के लिए यहां का प्रशासन हो, गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट हो, राष्ट्रीय रोटी बैंक हो या भारत सेवाश्रम संघ या सिंधी समाज के भाई बहन। ऐसे कितने अनगिनत लोगों ने काशी के गौरव को बढाया।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना की आपदा इतनी बड़ी है कि इससे निपटने के लिए लगातार काम करना होगा लेकिन ‘संतोष’ कर के बैठा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, ‘हमारे बुनकर भाई बहन हों, नाव चलाने वाले हमारे साथी हों, या व्यापारी-कारोबारी। सभी को मैं आश्वस्त करना चाहता हूं। हमारा निरंतर प्रयास है कि सभी को कम से कम दिक्कत हो। बनारस भी बढ़ता रहे आगे।’

भाषा
नई दिल्ली


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