भारत दोस्ती और 'दुश्मनी' दोनों निभाना जानता है : PM

Last Updated 28 Jun 2020 12:16:16 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि दुनिया ने हाल के दिनों में देखा है कि हम अपनी सीमाओं की रक्षा में सक्षम हैं। प्रधानमंत्री ने यह बात अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम-मन की बात- में कही।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

मोदी ने कहा कि आज पूरा देश कई चुनौतियों से जूझ रहा है। एक ओर देश कोरोना महामारी की समस्या से जूझ रहा है वहीं पड़ोसियों की चालबाजियों ने दोहरी चुनौती खड़ी कर दी है।

पीएम ने कहा कि पड़ोसी बॉर्डर पर हरकतें करने से बाज नहीं आ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं ,उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है। पूरा देश उनका कृतज्ञ है। उनके सामने नतमस्तक है। अपने वीर-सपूतों के बलिदान पर उनके परिजनों में जो गर्व की भावना है। देश के लिए जो जज्बा है। यही तो देश की ताकत है।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने जिस तरह मुश्किल समय में दुनिया की मदद की, उसने आज शांति और विकास में भारत की भूमिका को और मजबूत किया है। दुनिया ने भारत की विश्व बंधुत्व की भावना को भी महसूस किया है। अपनी संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा करने के लिए भारत की ताकत और भारत के सामर्थय को देखा है।

मन की बात कार्यक्रम के 66वें एपिसोड को सबोधित करते हुये प्रधानमंत्री ने आगाह किया कि लद्दाख में भारत की भूमि पर आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब मिला है। भारत मित्रता निभाना जानता है तो आंख में आंख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है।

कुछ दिनों पहले लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों में हुए हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस घटना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम शहीदों को सलाम करते हैं, हमनें उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है। प्रधानमंत्री ने यह बात अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम-मन की बात- में कही।

प्रधानमंत्री ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम-मन की बात- में कहा कि दुनिया ने हाल के दिनों में देखा है कि हम अपनी सीमाओं की रक्षा में सक्षम हैं।

मोदी ने रविवार को कहा कि ऐसे समय में जबकि पूरी दुनिया कोरोनावायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है, भारत ने अपने सामने आई चुनौतियों को मौके और सफलता में बदला है। प्रधानमंत्री ने यह बात अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम-मन की बात- में कही।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह समय साथ मिलकर काम करने का और भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है।

प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा कि साथ मिलकर अब भारत को तकनीकी रूप से उन्नत करने की जरूरत है।

मोदी ने रविवार को 'मन की बात' के दौरान दस प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने लद्दाख में सीमा विवाद पर चीन को चेतावनी देने से लेकर देश और समाज की कई प्रेरक कहानियों पर भी चर्चा की।

मोदी ने बच्चों को भी इस कोरोना काल में कुछ नया करने का सुझाव दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पारंपरिक खेलों की विरासत को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "हमारे देश में पारम्परिक खेलों की बहुत समृद्ध विरासत रही है। कहा जाता है कि ये खेल दक्षिण भारत से दक्षिण पूर्व एशिया और फिर दुनिया में फैले हैं।" पीएम मोदी ने कहा कि लूडो, सांप-सीढ़ी, गुट्टा जैसे भारतीय पारम्परिक खेलों को हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को ट्रांसफर नहीं करेंगे तो फिर कौन करेगा। पीएम मोदी ने बच्चे को मोबाइल से अपने बड़ों, दादा-दादी का पत्रकारों की तरह इंटरव्यू करने का सुझाव दिया।

बाराबंकी के प्रवासी मजदूरों की सराहना की। कहा कि यूपी के बाराबंकी में गांव लौटकर आए मजदूरों ने कल्याणी नदी का प्राकृतिक स्वरूप लौटाने के लिए काम शुरू कर दिया। नदी का उद्धार होता देख आस-पास के किसान, आस-पास के लोग भी उत्साहित हैं।

मन की बात में मोदी ने अरुणाचल प्रदेश की एक ऐसी ही प्रेरक कहानी का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "मुझे मीडिया से पता चला कि सियांग जिले के मिरेम गांव ने वो अनोखा कार्य कर दिखाया जो समूचे भारत के लिए एक मिसाल बन गया है, इस गांव के कई लोग, बाहर रहकर नौकरी करते हैं। गांव वालों ने देखा कि कोरोना महामारी के समय ये सभी, अपने गांव की ओर लौट रहे हैं। ऐसे में गांव वालों ने पहले से ही गांव के बाहर क्वारंटीन का इंतजाम करने का फैसला किया।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि अनलॉक के दौर में बहुत सी ऐसी चीजें भी अनलॉक हो रही हैं, जिनमें भारत दशकों से बंधा हुआ था। वर्षों से हमारा माइनिंग सेक्टर लॉकडाउन में था। कॉमर्शियल ऑक्शन को मंजूरी देने के एक निर्णय ने स्थिति को पूरी तरह से बदल दिया है।

मोदी ने कहा कि कोरोना के संकट काल में देश लॉकडाउन से बाहर निकल आया है। अब हम अनलॉक के दौर में हैं। अनलॉक के इस समय में दो बातों पर बहुत फोकस करना है- कोरोना को हराना और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना, उसे ताकत देना।

उन्होने कहा कि भारत का संकल्प, भारत के स्वाभिमान और संप्रभुता की रक्षा है। वहीं आत्मनिर्भर भारत ही देश का लक्ष्य है। भारत की परंपरा है भरोसा, मित्रता। भारत का भाव है बंधुता। हम इन्हीं आदर्श के साथ आगे बढ़ते रहेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोई भी मिशन जनभागीदारी के बिना पूरा नहीं हो सकता है। इसीलिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नागरिक के तौर पर हम सबका संकल्प, समर्पण और सहयोग बहुत जरूरी है। आप लोकल खरीदेंगे, लोकल के लिए वोकल होंगे। ये भी एक तरह से देश की सेवा ही है।

मोदी ने बिहार के रहने वाले शहीद कुंदन कुमार के पिताजी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "शहीद कुंदन के पिताजी के शब्द तो कानों में गूंज रहे हैं। वो कह रहे थे अपने पोतों को भी देश की रक्षा के लिए सेना में भेजूंगा। यही हौेसला हर शहीद के परिवार का है। वास्तव में, इन परिजनों का त्याग पूजनीय है।"

प्रधानमंत्री  ने कहा कि सैकड़ों वर्षो तक अलग-अलग आक्रांताओं ने भारत पर हमला किया, लोगों को लगता था कि भारत की संरचना ही नष्ट हो जाएगी, लेकिन इन संकटों से भारत और भी भव्य होकर सामने आया।


 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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