धनशोधन मामले में ईडी ने अहमद पटेल से उनके आवास पर करीब आठ घंटे तक पूछताछ की
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक दल ने शनिवार को यहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से उनके आवास पर संदेसरा बंधुओं से संबंधित कथित धनशोधन मामले में करीब आठ घंटे तक पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
![]() कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल (file photo) |
अधिकारियों ने बताया कि इस केंद्रीय जांच एजेंसी के कुछ अधिकारियों के साथ तीन सदस्यीय दल मध्य दिल्ली के लुटियंस जोन में 23, मदर टेरेसा क्रीसेंट स्थित पटेल के आवास पर पूर्वाह्न करीब साढे 11 बजे पहुंचा और पूछताछ के बाद रात करीब नौ बजे उनके आवास से निकला।
टीम के सदस्यों के हाथों में फाइलें नजर आयीं। उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए मास्क एवं दस्ताने पहने भी देखा गया।
अधिकारियों ने बताया कि आठ घंटे की पूछताछ के दौरान पटेल का बयान धनशोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया है और संदेसरा बंधुओं के साथ उनके कथित संबंध जांच के दायरे में हैं।
उन्होंने बताया कि उनसे पूछताछ जारी रहेगी और अगली बार 30 जून को पूछताछ की जा सकती है।
ईडी अधिकारियों के चले जाने के बाद पटेल ने संवाददाताओं से बातचीत की और कहा कि सरकार के ‘मेहमान’ आये थे और उन्होंने उनके सवालों के जवाब दिये।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य है कि चीन, कोरोना वायरस और बेरोजगारी से लड़ने के बजाय सरकार विपक्ष से लड़ रही है।’’
उन्होंने कहा कि कानून को अपना काम करने देना चाहिए और जिसने कुछ गलत नहीं किया है, उसे नहीं डरना चाहिए।
ईडी ने पटेल (70) को इस मामले में पूछताछ के लिए दो बार तलब किया था, लेकिन गुजरात से राज्यसभा सदस्य पटेल ने वरिष्ठ नागरिकों को घर में ही रहने की सलाह देने वाले कोविड-19 वैश्विक महामारी के दिशा-निर्देशों का हवाला दिया था।
एजेंसी ने अहमद पटेल को भरोसा दिलाया कि अपने कार्यालय में पूछताछ के दौरान वह हर सावधानी बरतेगी, लेकिन पटेल की कानूनी टीम ने मीडिया में आ रही उन खबरों को रेखांकित किया, जिनमें कहा जा रहा था कि ईडी मुख्यालय में भी संक्रमण के मामले सामने आए है।
एजेंसी ने इसके बाद पटेल को बताया कि वह एक पखवाड़े के भीतर उनके आवास आना चाह रहे हैं, क्योंकि मामले में जांच आगे बढाना बहुत जरूरी है।
इसके बाद, ईडी के पटेल के आवास पर आने का समय तय किया गया और एजेंसी ने उन्हें सूचित किया कि वह उनसे पूछताछ के लिए एक जांच अधिकारी को भेजेगी।
एजेंसी ने कहा कि यह कदम केवल वर्तमान कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
पटेल संप्रग अध्यक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव रहे हैं और वह इस पार्टी में सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्तियों में गिने जाते हैं।
यह धन शोधन मामला गुजरात की वड़ोदरा स्थित स्टर्लिंग बायोटेक और उसके मुख्य प्रमोटरों-नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा द्वारा 14,500 करोड़ रुपए की कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा है। तीनों फरार हैं। नितिन और चेतन भाई हैं।
एजेंसी ने कहा कि यह पीएनबी धोखाधड़ी से भी बड़ा बैंक घोटाला है। पीएनबी बैंक धोखाधड़ी में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी कथित रूप से शामिल हैं। पीएनबी घोटाला करीब 13,400 करोड़ रूपये का है।
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