चीन नहीं समझता है बातचीत की भाषा : कांग्रेस

Last Updated 24 Jun 2020 04:14:48 PM IST

कांग्रेस ने कहा है कि अब तक के अनुभव बताते हैं कि चीन को बातचीत तथा शांति की भाषा समझ नहीं आती और उसे सिर्फ ताकत एवं आक्रामकता की बात समझ आती है, इसलिए उसकी भाषा में ही उसे जवाब दिया जाना चाहिए।


कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी (फाइल फोटो)

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी तथा गौरव गोगोई ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पहले कई बार देखा जा चुका है कि सीमा पर चीन ने जब भी तनाव का माहौल पैदा किया है तो उस दौरान भारत ने शांति बहाली का प्रयास करते हुए उससे बातचीत की पहल है लेकिन उसने इस पहल का जवाब आक्रामकता से दिया है। चीन के साथ इस अनुभव से यही लगता है कि उसे सिर्फ ताकत की भाषा समझ आती है और अगर भारत उसे ताकत दिखाएगा तो उसे सब कुछ समझ आ जाएगा।

गोगोई ने कहा कि चीन शांति की बात बिल्कुल नहीं समझता है। लद्दाख से पहले कई मौकों पर उसकी आक्रामकता को रोकने के लिए बातचीत करने का प्रयास किया गया लेकिन उसे यह प्रयास समझ नहीं आता है, इसलिए ताकत की भाषा में ही उसे जवाब दिया जाना चाहिए। भारत चीन को यदि अपनी ताकत दिखाएगा तो उसको सब कुछ समझ आ जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख को दूसरा डोकलाम नहीं बनने देना है। चीन ने डोकलाम में अपना सैन्य ठिकाना मजबूत किया है और यह स्थिति चीन सीमा पर दूसरी जगह नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे हमारा ही नुकसान होगा। चीन पर दबाव बनाए रखने की जरूरत है लेकिन मुश्किल यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद की छवि बनाने में व्यस्त हैं और उन्हें सीमा पर हो रही घुसपैठ को लेकर किसी तरह की दिक्कत नजर नहीं आती है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि चीन की सेना ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा किया है लेकिन सरकार उसी की भाषा बोलती है। उन्होंने कहा “कांग्रेस उस सरकार की निंदा करती है जो सेना के पीछे छिपी है और जवाब नहीं दे रही है। चीन हमारी जमीन पर कब्जा चुका है और सरकार कुछ नहीं बोल रही है और उल्टे विपक्ष पर सेना का मनोबल कम करने का इल्जाम लगाया जा रहा है।”
 

वार्ता
नई दिल्ली


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