एलएसी पर सैनिकों के लिए रक्षा कवच भेजे
चीनी सेना की तरफ से लगातार धोखा मिलने के बाद भारतीय सेना ने एलएसी पर तैनात अपनी सेना के लिए दंगा विरोधी रक्षा कवच उपलब्ध करा दिए हैं।
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सेना ने सरकार से मांग की है कि 1996 में हुई गोलीबारी न करने की संधि पर पुनर्विचार किया जाए।
चीनी धोखे के बाद से तीनों सेना रेडी टू मूव के आधार पर तैनात है। गत 5 और 6 जून को चीनी सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पार करते हुए भारतीय सीमा में लद्दाख में पैंगोंग लेक के पास धमकी दी। उस वक्त भी चीनी सेना अपने साथ कटीले तार से लपेटे डंडे लेकर आई थी और 15 जून को चीनी सेना ने धोखे से भारतीय गश्ती दल पर हमला किया, जिसमें हमारे बीच सैनिक शहीद हो गए।
29 नवम्बर, 1996 को दोनों देशों के बीच हुए संधि के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा के 2 किलोमीटर के दायरे में दोनों सेनाएं गोलीबारी विस्फोट या खतरनाक रसायन का इस्तेमाल नहीं करेंगे। 15 और 16 जून की रात को चीनी सेना ने धारदार हथियार और कटीली तारा से बांधे हुए डंडों से सैनिकों पर हमला किया। भारतीय सेना ने भी अब अपनी तैयारी कर ली है।
सेना को दंगा विरोधी रक्षा कवच उपलब्ध कराए गए हैं, जिसमें ऐसे कपड़े और फील्ड है, जिससे यदि कोई पथराव करें या नुकीले हथियारों से हमला करें तो सैनिकों का बचाव हो सके। सैनिकों के पास हथियारों के अलावा डंडा भी होगा ताकि वे चीनी सेना का जवाब दे सके। सैनिकों के लिए ऐसे कवच खरीदने की प्रक्रिया तेज की गई है। फिलहाल कुछ कवच और उपकरण तुरंत लद्दाख में तैनात सैनिकों के लिए भेज दिए गए हैं।
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