डब्ल्यूएचओ पर सहमे चीन ने भारत से मांगी मदद
पश्चिमी देशों के ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ की घेराबंदी से घबराया चीन मदद को भारत की तरफ देख रहा है।
![]() WHO पर सहमे चीन ने भारत से मांगी मदद |
एक तरफ जहां ड्रैगन सीमा पर आंखें तरेर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना वायरस को लेकर डब्ल्यूएचओ द्वारा चीन को शिकंजे में लेने की कोशिशों को निष्फल करने के लिए उसे भारत से मदद की दरकार है। सूत्रों के अनुसार चीन भारत से यह मदद मांग रहा है कि वह अमेरिका से अन्य यूरोपीय देशों के विश्व स्वास्थ्य संगठन के राजनीति करण की कोशिशों का विरोध करे। दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के बीच सीमा विवाद पर हुई बातचीत में चीन ने इस मुद्दे को भी उठाया।
उल्लेखनीय है कि सीमा विवाद पर दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के बीच शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक में डब्ल्यूएचओ की भूमिका की सराहना करते हुए चीन ने कहा कि कुछ पश्चिमी देश अपने राजनीतिक हितों को पूरा करने के लिए न केवल उस पर आरोप लगा रहे हैं बल्कि डब्ल्यूएचओ के माध्यम से चीन को भी नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे है। इस पूरी प्रक्रिया में चीन की भारत से अपेक्षा है कि वह उसका समर्थन करें और डब्ल्यूएचओ को मजबूत बनाने की दिशा में काम करें।
कोरोना वायरस की जांच को लेकर पश्चिमी देशों के डब्ल्यूएचओ पर दबाव से चीन सहमा हुआ है, उसे डर सता रहा है कि कोरोना वायरस की आड़ में पश्चिमी देश उसकी घेराबंदी करने का षड्यंत्र कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि डब्ल्यूएचओ में इस समय भारत महत्वपूर्ण भूमिका में है। देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हषर्वर्धन ने कुछ दिन पहले ही डब्ल्यूएचओ के एग्जीक्यूटिव बोर्ड के चेयरमैन का पद संभाला है।
पश्चिमी देशों का आरोप है कि कोरोना का वायरस वुहान की लैब में बनाया गया है और चीन के दबाव में डब्ल्यूएचओ ने इसके खतरे को न केवल कमतर करके दुनिया को बताया बल्कि सही समय पर सही सूचना भी नहीं दी और सूचना देने में देरी की। वहीं, पिछले दिनों 67 देशों ने इसकी जांच के लिए प्रस्ताव किया था।
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