देश में कोरोना से हो सकती हैं 18,000 मौतें

Last Updated 28 May 2020 05:55:38 AM IST

भारत में जुलाई माह की शुरुआत में कोविड-19 के मामले चरम पर पहुंचने की आशंका है। इस वैश्विक महामारी के कारण भारत में 18,000 लोग जान गंवा सकते हैं। एक महामारी एवं लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने यह अनुमान जाहिर किया है।


देश में कोरोना से हो सकती हैं 18,000 मौतें

सेंटर फार कंट्रोल आफ क्रानिक कंडिशंस (सीसीसीसी) के निदेशक प्रो डी. प्रभाकरण ने कहा कि देश में यह महामारी बढ़ने की दिशा में है। प्रभाकरण ब्रिटेन में लंदन स्कूल आफ हाइजिन ऐंड ट्रापिकल मेडिसिन में महामारी विज्ञान विभाग में प्रोफेसर भी हैं। महामारी विशेषज्ञ ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के सर्वाधिक मामले जुलाई में सामने आ सकते हैं। उन्होंने बुधवार को बताया कि यह विभिन्न शोधों के आधार पर और अन्य देशों में इस महामारी के बढ़ने और घटने के आकलन पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि हमारे यहां चार से छह लाख मामले संक्रमण के हो सकते हैं और औसत मृत्यु दर तीन फीसद रह सकती है जो (भारत में कोविड-19 के कारण मौत) करीब 12,000-18,000 होगी। प्रभाकरण ने कहा कि सीमित डेटा को देखने पर ऐसा लगता है कि यहां मृत्युदर कम है लेकिन क्या वास्तव में ऐसा है, यह तो महामारी के खत्म होने पर ही पता चल पाएगा।

इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक हेल्थ, हैदराबाद में निदेशक प्रो. जीवीएस मूर्ति ने कहा कि दक्षिण एशिया क्षेत्र में मृत्युदर सबसे कम श्रीलंका में है जो प्रति दस लाख पर 0.4 है। भारत, सिंगापुर, पाकिस्तान, बांग्लादेश और मलयेशिया में प्रति दस लाख की आबादी पर मृत्युदर एक से कम है। हां, यह कहना मुश्किल है कि इन देशों में मृत्युदर कम क्यों है।
उनके मुताबिक ऐसा हो सकता है कि इन देशों ने महामारी की शुरुआत में सामुदायिक लॉकडाउन शुरू कर दिया था जो मृत्युदर कम होने की वजह हो सकती है जबकि यूरोप और अमेरिका ने ऐसे कदम देर से उठाए। प्रो. मूर्ति ने बताया कि दुनियाभर और भारत के रुझानों को देखें तो पता चलता है कि 60 वर्ष और अधिक आयु के लोगों में मृत्युदर सबसे ज्यादा है। भारत में कोविड-19 के कारण जिन लोगों की मौत हुई उनमें से 50 फीसद की उम्र 60 वर्ष या अधिक थी।

भाषा
बेंगलुरू


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment