भारत को घेरने के लिए नेपाल को मोहरा बना रहा चीन
कोरोना जैसी इस महामारी में भी चीन अपने मंसूबों से बाज नहीं आ रहा है भारत को घेरने का कोई भी मौका वह छोड़ नहीं रहा है।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) |
ताजा हरकतों में भारत को एक साथ कई मोर्चों पर परेशान करने की साजिश में जुटा हुआ है ड्रैगन।
एक तरफ लद्दाख में अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा कर आए दिन भारतीय सेना के साथ उलझने में लगा है तो वहीं पाक अधिकृत कश्मीर में भी उसने अपनी गतिविधियों को बढ़ा दिया है।
बलूचिस्तान में जहां वह बांध बना रहा है वहीं पीओके में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य में जुटा हुआ है। अब भारत को परेशान करने के लिए ड्रैगन ने नया पैंतरा नेपाल को मोहरा बनाकर चला है।
चीन की साजिश इस महामारी में भारत को चारों तरफ से परेशान करने की है। उसकी नापाक हरकतों में पाकिस्तान के बाद अब नेपाल कठपुतली की तरह नाच रहा है। नेपाल सरकार के मौजूदा तेवर यह साफ करते हैं कि नेपाल इस समय चीन के हाथों का खिलौना बना हुआ है।
पड़ोसी देश नेपाल को भारत अपने छोटे भाई की तरह मानता है लेकिन वहां के मौजूदा हुक्मरानों की भाषा यह बताने के लिए काफी है कि वह चीन के हाथों में किस ढंग से खेल रहे हैं।
भारत के साथ नेपाल चीन के इशारे पर सीमा के मुद्दे तूल दे रहा है। काला पानी लिपुलेख और लिंपियाधूरा को नेपाल ने अपने नक्शे में शामिल कर इस विवाद को और बढ़ाने का काम किया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों भारत ने लिपुलेख में कैलाश मानसरोवर रोड का उद्घाटन किया था। भारत की सेना यहां 1962 से तैनात है और चीन इसे अपने लिए बड़ा खतरा मानता है नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली के तेवर साफ बताते हैं कि चीन के इशारे पर खेल रहे हैं। नेपाल के पीएम ओली का यह कहना कि हम किसी भी कीमत पर अपनी जमीन लेकर रहेंगे। दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों के लिए ठीक नहीं है।
इतना ही नहीं नेपाल के प्रधानमंत्री ने कोरोना को लेकर बेहद असंवेदनशील बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना भारत से नेपाल आ रहा है। उनका कहना है कि भारत से आने वाले ज्यादातर लोग संक्रमित है।
| Tweet |