पीएम की सीएम संग चर्चा, लॉकडाउन हटाने पर मुख्यमंत्रियों ने की बढ़ाने की पैरवी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक करके कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देश में पैदा हुए हालात पर चर्चा की।
मोदी ने कोरोना के हालात पर मुख्यमंत्रियों से की चर्चा |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिये गत 25 मार्च से तीन मई तक के लिये लागू देशव्यापी बंद (लॉकडाउन) को चरणबद्ध तरीके से हटाने के उपायों और कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति पर सोमवार को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर चर्चा की।
देश में कोरोना संकट की शुरुआत के बाद 22 मार्च से अब तक प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर चुके हैं।
बैठक में मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा ने राज्य में तीन मई के बाद भी लॉकडाउन को जारी रखने की बात कही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि तीन मई के बाद मेघालय में संक्रमण से मुक्त इलाके के रूप में चिन्हित किये गये ‘ग्रीन जोन’ में ही लॉकडाउन से आंशिक छूट दी जायेगी।
बैठक में ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने की पैरवी की : नारायणसामी
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक के दौरान ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन तीन मई के बाद भी आगे बढ़ाने की राय दी और साथ ही सजग रुख के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया।
नारायणसामी ने यह भी बताया कि बैठक में उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी कामगारों एवं छात्रों को वापस लाने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कहा कि हमारा राज्य छोटा और उसके संसाधन सीमित हैं। हमारा राजस्व बंद हो गया है और हमारी अर्थव्यवस्था मुश्किल का सामना कर रही हैं। मैंने जीएसटी का बकाया राशि जारी करने का आग्रह किया।’’
नारायणसामी ने बताया, ‘‘मैंने यह भी कहा कि भारत सरकार को सभी राज्यों को बड़ी संख्या में जांच किट उपलब्ध कराना चाहिए।’’
उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ना चाहिए। साथ ही मुख्यमंत्रियों की यह राय थी कि कोरोना के मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं, उसको देखते हुए लॉकडाउन हटाने में सजग रुख अपनाने की जरूरत है।’’
उनके अनुसार भाजपा शासित राज्यों के भी अधिकतर मुख्यमंत्रियों ने कहा कि लॉकडाउन जारी रहे और आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे शुरू हों।
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के साथ-साथ सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का उल्लेख किया।
नारायणसामी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकट से निपटने के संदर्भ में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ की तथा अपने संबोधन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का भी उल्लेख किया।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने देश में 25 मार्च से दो चरण में लॉकडाउन लागू किया है। इसके तहत पहले चरण में 24 मार्च को 21 दिन के लिये और दूसरे चरण में 14 अप्रैल को तीन मई तक 19 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी।
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय एवं अन्य संबद्ध मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी बैठक में हिस्सा लिया ।
संगमा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आहूत वीडियो कांफ्रेंस बैठक में हमने कोरोना से अप्रभावित मेघालय के ग्रीन जोन क्षेत्रों के जिलों में तीन मई के बाद आंशिक छूट देने के अलावा राज्य के शेष इलाकों में लॉकडाउन जारी रखने की बात कही है।’’
बैठक में हिस्सा ले रहे तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री मास्क लगाए नजर आये तो वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने हरे रंग के बॉर्डर वाले सफेद गमछे से मुंह को ढंका हुआ था।
Prime Minister Narendra Modi holds video conference with the Chief Ministers of all States on COVID19 situation. pic.twitter.com/D9kiiXk4XK
— ANI (@ANI) April 27, 2020
सरकार के सूत्रों ने रविवार को संकेत दिए थे कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के बीच महामारी से निपटने के तरीकों पर चर्चा के अलावा, लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के उपायों पर भी विचार विमर्श हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोमवार को ट्वीट किया कि मोदी और मुख्यमंत्री कोविड-19 के हालात से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
At 10 AM, Shri @narendramodi will be interacting with state Chief Ministers via video conferencing. They will be discussing aspects relating to the COVID-19 situation.
— PMO India (@PMOIndia) April 27, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को रेडियो पर अपने मासिक संबोधन ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना संक्रमण के कारण देश में युद्ध जैसी स्थिति है। उन्होंने जोर दिया कि लोगों को सावधान रहने और सावधानी बरतने की जरूरत है।मोदी ने सावधानी बरतने पर जोर ऐसे समय दिया है जब केंद्र सरकार और राज्य आर्थिक गतिविधियों को फिर से बहाल करने के लिए लॉकडाउन मानदंडों में छूट दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे अति आत्मविश्वासी नहीं होने का आग्रह करता हूं। आपको अपने अति-उत्साह में यह नहीं सोचना चाहिए कि यदि कोरोना वायरस अभी तक आपके शहर, गांव, सड़क या कार्यालय तक नहीं पहुंचा है, तो यह अब नहीं पहुंचेगा। कभी भी ऐसी गलती न करें। दुनिया का अनुभव हमें इस संबंध में बहुत कुछ बताता है।’’
केंद्र और राज्य सरकारें आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और लोगों को राहत प्रदान करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों को क्रमिक छूट दे रही हैं। हालांकि कुछ राज्य लॉकडाउन को तीन मई के बाद भी जारी रखने के इच्छुक हैं ताकि यह यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले नियंत्रण में रहें।
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